हनुमान जी को न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में बड़ी संख्या में पूजा जाता है। हनुमान जी की पूजा करने वाला व्यक्ति जीवन में कभी दुखी नहीं रहता। तुलसीदास जी ने कहा है नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा।। अतः हनुमान जी का पूजन करने से रोग सहित समस्त प्रकार की पीड़ाओं का नाश होता है। हनुमान जी के भक्तो से श्री राम जी भी प्रेम करते हैं।
हनुमान जी को समर्पित अनेकों दिव्य स्त्रोतों में से एक चमत्कारी स्तोत्र का नाम यंत्रोद्धारक हनुमान स्तोत्र है। यह एक वैदिक स्तोत्र है जिसमें प्रभावशाली श्लोकों को संगलित किया है। इस स्तोत्र को मुख्यतः संस्कृत भाषा में लिखा गया है। इस स्तोत्र का प्रभाव आपको चालीस दिन में दिखाई देने लगता है।
हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद हनुमान चालीसा आरती भी अवश्य करनी चाहिए। उत्तर भारत की तो अधिकांश उत्तर भरतीय क्षेत्रों में हनुमान जयंती का पर्व चैत्र पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्री हनुमान तांडव स्तोत्र का पाठ करते समय पूर्ण पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए तभी हमें बजरंगबली की विशेष कृपा मिलती है। जो भी व्यक्ति श्री हनुमान रक्षा स्तोत्र का पाठ करता है उस पर श्री हनुमान जी की कृपा के साथ-साथ भगवान् श्री राम जी की कृपा भी बनी रहती है।भक्तजन हनुमान जी के 108 नाम पढ़ कर उन्हें आसानी से प्रसन्न कर सकते हैं तथा उनकी दया-दृष्टि पाकर अपने जीवन को उत्तम बन सकते हैं। श्री हनुमान वंदना का नियमित पाठ करने से घर में किसी भी प्रकार की भूत-प्रेत की बाधा का निवारण किया जा सकता है। हनुमान साठिका तुलसीदास जी की ही एक अत्यधिक महत्वपूर्ण रचना है। इसका पाठ करने से हनुमान जी बहुत ही जल्दी कृपा करते हैं।
Yantrodharaka Hanuman Stotra in Sanskrit PDF
श्री हनुमत्स्तोत्रम् व्यासतीर्थविरचितम्
नमामि दूतं रामस्य सुखदं च सुरद्रुमम् ।
पीनवृत्तमहाबाहुं सर्वशत्रुनिबर्हणम् ॥ १॥
नानारत्नसमायुक्तकुण्डलादिविभूषितम् ।
सर्वदाभीष्टदातारं सतां वै दृढमाहवे ॥ २॥
वासिनं चक्रतीर्थस्य दक्षिणस्थगिरौ सदा ।
तुङ्गाम्भोधितरङ्गस्य वातेन परिशोभिते ॥ ३॥
नानादेशागतैः सद्भिः सेव्यमानं नृपोत्तमैः ।
धूपदीपादिनैवेद्यैः पञ्चखाद्यैश्च शक्तितः ॥ ४॥
भजामि श्रीहनूमन्तं हेमकान्तिसमप्रभम् ।
व्यासतीर्थयतीन्द्रेण पूजितं प्रणिधानतः ॥ ५॥
त्रिवारं यः पठेन्नित्यं स्तोत्रं भक्त्या द्विजोत्तमः ।
वांछितं लभतेऽभीष्टं षण्मासाभ्यन्तरे खलु ॥ ६॥
पुत्रार्थी लभते पुत्रं यशोऽर्थी लभते यशः ।
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ॥ ७॥
सर्वथा मास्तु सन्देहो हरिः साक्षी जगत्पतिः ।
यः करोत्यत्र सन्देहं स याति निरयं ध्रुवम् ॥ ८॥
इति श्रीव्यासतीर्थविरचितम् हनुमत्स्तोत्रं सम्पूर्णम् ।
You may also like :
- हनुमान साठिका | Hanuman Sathika PDF in Hindi
- हनुमान जी की आरती | Hanuman Aarti Lyrics
- हनुमान सूक्त | Hanuman Suktam
- मारुती स्तोत्र | Maruti Stotra
- एक मुखी हनुमान कवच पाठ | Ek Mukhi Hanuman Kavach
- Ek Mukhi Hanuman Kavach English
You can also download Yantrodharaka Hanuman Stotra in Hindi PDF by clicking on the following download button.