वैभव लक्ष्मी व्रत की विधि | Vaibhav Lakshmi Vrat Vidhi

हिन्दू धर्म में अनेक प्रकार के व्रत व उपवास का विधान है। वैभव लक्ष्मी माता का व्रत भी उन्हीं व्रतों में से एक है। वैभव लक्ष्मी व्रत बहुत ही अधिक प्रचलित है। इस व्रत का पालन बहुत लम्बे समय से होता आ रहा है। माता वैभव लक्ष्मी की कृपा से व्यक्ति के जीवन में धन – धान्य तथा वैभव की वर्षा होती है।
यदि आप भी अपने जीवन में आर्थिक समस्याओं से बहुत अधिक परेशान हैं, तथा अब उन परेशानियों से बाहर आना चाहते हैं, तो माता वैभव लक्ष्मी जी का व्रत पूरे विधि – विधान से अवश्य करें। इस व्रत की सफलता के लिए व्रत के दौरान श्री वैभव लक्ष्मी व्रत कथा का पठन – पाठन भी अवश्य करना चाहिए।
 

वैभव लक्ष्मी व्रत करने की विधि / Vaibhav Laxmi Vrat Vidhi in Hindi PDF

  • शुक्रवार के दिन महिलाओं को ब्रह्ममुहूर्त में उठ जाना चाहिए।
  • सभी नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नानादि कर लें।
  • इसके बाद साफ वस्त्र धारण करें और मंदिर की साफ-सफाई कर लें।
  • मां लक्ष्‍मी का ध्‍यान करें और व्रत का संकल्प लें।
  • पूरे दिन फलाहार कर आप व्रत कर सकते हैं।
  • व्रत पूरा होने के बाद शाम के समय अन्न ग्रहण करना चाहिए।
  • पूरे दिन उपवास के बाद शाम के समय फिर से स्नान करें।
  • शाम के पूजा करने के लिए पूर्व दिशा की तरफ मुंह कर बैठ जाएं।
  • इसके बाद चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर वैभव लक्ष्‍मी की तस्‍वीर या मूर्ति स्‍थापित करें।
  • मूर्ति के पीछे या बगल में श्रीयंत्र रखें।
  • मूर्ति या तस्वीर के सामने एक मुट्ठी भकर चावल का ढेर रख दें।
  • इस पर पानी से भरा हुआ तांबे का कलश रख दें।
  • कलश के ऊपर एक छोटी कटोरी रखें। इसमें सोने या चांदी का कोई आभूषण रख दें।
  • वैभव लक्ष्‍मी के समक्ष लाल चंदन, गंध, लाल वस्‍त्र, लाल फूल अवश्य रखें।
  • प्रसाद में गाय से दूध से निर्मित चावल की खीर बनाएं।
  • अगर आप खीर नहीं बना पाए हैं तो सफेद मिठाई का भोग भी लगा दें।
  • पूजा के बाद लक्ष्‍मी स्‍तवन का पाठ करें।
  • साथ ही मां के निम्न मंत्र का जाप भी करें।

या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥

  • इस दौरान श्रीयंत्र की भी पूजा करनी चाहिए।
  • इसके बाद व्रत कथा पढ़ें।
  • फिर गोघृत दीपक से मां की आरती करें।
  • व्रत कथा करने के बाद महिलाओं को कम से कम 7 बार अपनी मनोकामना को मन में दोहराना होगा।
  • मां लक्ष्मी का ध्यान कर प्रसाद ग्रहण करें।
  • घर के मुख्‍य द्वार पर घी का एक दीपक जला दें।

वैभव लक्ष्मी माता की आरती / Vaibhav Laxmi Vrat Aarti Lyrics in Hindi

ॐ वैभव लक्ष्मी माता
मैया वैभव लक्ष्मी माता
भक्तों के हितकारिनी
भक्तों के हितकारिनी
सुख वैभव दाता
ॐ वैभव लक्ष्मी माता
(ॐ वैभव लक्ष्मी माता
मैया वैभव लक्ष्मी माता
भक्तों के हितकारिनी
भक्तों के हितकारिनी
सुख वैभव दाता
ॐ वैभव लक्ष्मी माता)
लक्ष्मी माँ का नाम जो लेता
सुख सम्पति पाता
मैया सुख सम्पति पाता
दुःख दरिद्र मिटता
दुःख दरिद्र मिटता
बांछित फल पाता
(ॐ वैभव लक्ष्मी माता
मैया वैभव लक्ष्मी माता
भक्तों के हितकारिनी
भक्तों के हितकारिनी
सुख वैभव दाता
ॐ वैभव लक्ष्मी माता)
लक्ष्मी माता तू जग माता
जग पालक रानी
मैया जग पालक रानी
हाथ जोड़ गुण गाते
हाथ जोड़ गुण गाते
जग के सब प्राणी
ॐ वैभव लक्ष्मी माता
(ॐ वैभव लक्ष्मी माता
मैया वैभव लक्ष्मी माता
भक्तों के हितकारिनी
भक्तों के हितकारिनी
सुख वैभव दाता
ॐ वैभव लक्ष्मी माता)
हे माँ तेरी शरण में जो आता
तेरी भक्ति पाता
मैया तेरी भक्ति पाता
माँ तेरी ममता पा के
माँ तेरी ममता पा के
अंत स्वर्ग जाता
ॐ वैभव लक्ष्मी माता
(ॐ वैभव लक्ष्मी माता
मैया वैभव लक्ष्मी माता
भक्तों के हितकारिनी
भक्तों के हितकारिनी
सुख वैभव दाता
ॐ वैभव लक्ष्मी माता)
(ॐ वैभव लक्ष्मी माता
मैया वैभव लक्ष्मी माता
भक्तों के हितकारिनी
भक्तों के हितकारिनी
सुख वैभव दाता
ॐ वैभव लक्ष्मी माता
ॐ वैभव लक्ष्मी माता
ॐ वैभव लक्ष्मी माता)
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