शुक्र कवच संस्कृत | Shukra Kavacham

शुक्र कवच स्तोत्र PDF | Shukra Kavacham PDF | Shukra Kavach PDF :
शुक्र कवच, शुक्र ग्रह को समर्पित एक अत्यधिक प्रभावशाली शुक्र देव का कवच हैं। पूर्ण विधि-विधान से सिद्ध शुक्र कवच पाठ करने से व्यक्ति की जन्म कुण्डली में शुक्र सम्बन्धी दोषों का निवारण होता है। यदि आप अपने जीवन में शुक्र सम्बन्धी समस्याओं का सामना कर रहे हैं और शीघ्र ही उनसे छुटकारा पाना चाहते हैं, तो आप को निश्चित ही शुक्र कवच का नियमित पाठ अवश्य करना चाहिये।
वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह का अत्यधिक महत्व है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह वृषतुला राशि को नियन्त्रित करते हैं। शुक्र ग्रह जातक की जीवन में सौंदर्य, शारीरिक सुख तथा भोग-विलास के संसाधनों को प्रभावित करते हैं, अतः अपने जीवन में समस्त प्रकार की भौतिक सुख-सुविधाओं को प्राप्त करने के लिये इस दिव्य शुक्र कवच स्तोत्र का पाठ यथासम्भव करें।
 
शुक्र कवच लिरिक्स | Shukra Kavacham Lyrics in Sanskrit :


॥ अथ श्री शुक्र कवचम् ॥

 

श्रीगणेशाय नमः ।

ॐ अस्य श्रीशुक्रकवचस्तोत्रमन्त्रस्य भारद्वाज ऋषिः ।

अनुष्टुप्छन्दः । श्रीशुक्रो देवता ।

शुक्रप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः ॥

मृणालकुन्देन्दुपयोजसुप्रभं पीताम्बरं प्रसृतमक्षमालिनम् ।

समस्तशास्त्रार्थविधिं महान्तं ध्यायेत्कविं वाञ्छितमर्थसिद्धये ॥ १॥

ॐ शिरो मे भार्गवः पातु भालं पातु ग्रहाधिपः ।

नेत्रे दैत्यगुरुः पातु श्रोत्रे मे चन्दनद्युतिः ॥ २॥

पातु मे नासिकां काव्यो वदनं दैत्यवन्दितः ।

वचनं चोशनाः पातु कण्ठं श्रीकण्ठभक्तिमान् ॥ ३॥

भुजौ तेजोनिधिः पातु कुक्षिं पातु मनोव्रजः ।

नाभिं भृगुसुतः पातु मध्यं पातु महीप्रियः ॥ ४॥

कटिं मे पातु विश्वात्मा ऊरू मे सुरपूजितः ।

जानुं जाड्यहरः पातु जङ्घे ज्ञानवतां वरः ॥ ५॥

गुल्फौ गुणनिधिः पातु पातु पादौ वराम्बरः ।

सर्वाण्यङ्गानि मे पातु स्वर्णमालापरिष्कृतः ॥ ६॥

य इदं कवचं दिव्यं पठति श्रद्धयान्वितः ।

न तस्य जायते पीडा भार्गवस्य प्रसादतः ॥ ७॥

॥ इति श्रीब्रह्माण्डपुराणे शुक्रकवचं सम्पूर्णम् ॥

 
शुक्र कवच पाठ के लाभ व महत्व | Shukra Kavacham Benefits & Significance :

  • जिन जातकों की कुण्डली में शुक्र ग्रह की महादशा या अन्तर्दशा चल रही है, यदि वह विधिवत शुक्र कवच का पाठ करता है, तो उसे शुक्र सम्बन्धी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
  • यदि आपके जीवन में भौतिक सुख-संसाधनों का आभाव है, तो नियमित शुक्र ग्रह कवच के पाठ से आपके जीवन में भौतिक सुखों का आगमन होगा।
  • वैदिक ज्योतिष के अनुसार वृष (वृषभ) एवं तुला राशि का राशि स्वामी शुक्र ग्रह को माना जाता है, अतः वृष व तुला राशि के जातकों को शुक्र कवच का पाठ नियमानुसार करना चाहिये।
  • जो स्त्रियाँ अपने सौंदर्य व शारीरिक संरचना के प्रति अधिक चिन्तित रहती हैं उन्हें इस कवच के पाठ से अत्यधिक लाभ होता है।
  • शुक्र कवच के पाठ से जातक की कुण्डली में शुक्र ग्रह बलवान होता है।
  • इस दिव्य कवच के पाठ के प्रभाव से दाम्पत्य जीवन में आने वाली सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान होता है तथा पति-पत्नी में प्रेम की वृद्धि होती है।

 
श्री शुक्र कवच पाठ विधि | Shri Shukra Kavacham Path Vidhi :

  • वृषतुला राशि के जातकों को तो श्री शुक्र ग्रह कवच का पाठ प्रतिदिन करना ही चाहिये, साथ ही अन्य राशि के जातक भी समस्त प्रकार के शारीरिक व भौतिक सुखों का आनन्द प्राप्त करने हेतु इस दिव्य कवच का प्रत्येक शुक्रवार को पाठ कर सकते हैं।
  • सर्वप्रथम शुक्रवार के दिन स्नान आदि करके श्वेतहरे वस्त्र धारण करें।
  • एक आसान पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके पद्मासन में बैठ जायें।
  • अब अपने सामने शुक्र देव की प्रतिमा अथवा छायाचित्र स्थापित करें।
  • तत्पश्चात शुक्र देव का आवाहन कर उन्हें स्नान अर्पण करें।
  • एक घी का दीप प्रज्वलित कर धुप, पुष्प, सुगन्ध तथा नैवेद्य इत्यादि अर्पित करें।
  • दीप प्रज्वलित करने के पश्चात पूर्ण निष्ठा से श्री शुक्र कवचम का पाठ करें।
  • पाठ सम्पूर्ण होने के उपरान्त शुक्र देव की आरती करें व उनका आशीर्वाद ग्रहण करें।
  • अंत में थोड़ा सा हरा चारा लेकर अपने हाथों से गाय को खिलायें।

 
शुक्र कवच PDF को आप नीचे दिए हुये लिंक से निशुल्क डाउनलोड कर सकते हैं।
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