शुक्र अष्टोत्तर शतनामावली | Shukra Ashtottara Shatanamavali

शुक्र अष्टोत्तर शतनामावली शुक्रदेव के १०८ पवित्र नामों व मन्त्रों का एक अनुपम संग्रह है। इस अष्टोत्तर के माध्यम से आप एक ही बार में शुक्रदेव १०८ मन्त्रों का जाप कर लेते हैं, जिसके फलस्वरूप आपको शुरकदेव की विशेष कृपा तो प्राप्त होती ही है साथ ही कुण्डली में शुक्र की महादशा व अन्तर्दशा में लाभ होता है।
हमने अपने प्रिय पाठकों के लिए प्रस्तुत लेख के अन्त में शुक्र अष्टोत्तर शतनामावली का डाउनलोड लिंक दिया है। जिसके द्वारा आप सीधे एक क्लिक करके इसी प्राप्त कर सकते हैं तथा इसका नियमित पाठ करके अपने जीवन को समृद्धशाली बना सकते हैं।
 

शुक्र अष्टोत्तर शतनामावली लिरिक्स / Shukra Ashtottara Shatanamavali Lyrics

 

शुक्र बीज मन्त्र –

ॐ द्राँ द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः ।

ॐ शुक्राय नमः ।

ॐ शुचये नमः ।

ॐ शुभगुणाय नमः ।

ॐ शुभदाय नमः ।

ॐ शुभलक्षणाय नमः ।

ॐ शोभनाक्षाय नमः ।

ॐ शुभ्रवाहाय नमः ।

ॐ शुद्धस्फटिकभास्वराय नमः ।

ॐ दीनार्तिहरकाय नमः ।

ॐ दैत्यगुरवे नमः । १०

ॐ देवाभिवन्दिताय नमः ।

ॐ काव्यासक्ताय नमः ।

ॐ कामपालाय नमः ।

ॐ कवये नमः ।

ॐ कल्याणदायकाय नमः ।

ॐ भद्रमूर्तये नमः ।

ॐ भद्रगुणाय नमः ।

ॐ भार्गवाय नमः ।

ॐ भक्तपालनाय नमः ।

ॐ भोगदाय नमः । २०

ॐ भुवनाध्यक्षाय नमः ।

ॐ भुक्तिमुक्तिफलप्रदाय नमः ।

ॐ चारुशीलाय नमः ।

ॐ चारुरूपाय नमः ।

ॐ चारुचन्द्रनिभाननाय नमः ।

ॐ निधये नमः ।

ॐ निखिलशास्त्रज्ञाय नमः ।

ॐ नीतिविद्याधुरंधराय नमः ।

ॐ सर्वलक्षणसम्पन्नाय नमः ।

ॐ सर्वापद्गुणवर्जिताय नमः । ३०

ॐ समानाधिकनिर्मुक्ताय नमः ।

ॐ सकलागमपारगाय नमः ।

ॐ भृगवे नमः ।

ॐ भोगकराय नमः ।

ॐ भूमिसुरपालनतत्पराय नमः ।

ॐ मनस्विने नमः ।

ॐ मानदाय नमः ।

ॐ मान्याय नमः ।

ॐ मायातीताय नमः ।

ॐ महायशसे नमः । ४०

ॐ बलिप्रसन्नाय नमः ।

ॐ अभयदाय नमः ।

ॐ बलिने नमः ।

ॐ सत्यपराक्रमाय नमः ।

ॐ भवपाशपरित्यागाय नमः ।

ॐ बलिबन्धविमोचकाय नमः ।

ॐ घनाशयाय नमः ।

ॐ घनाध्यक्षाय नमः ।

ॐ कम्बुग्रीवाय नमः ।

ॐ कलाधराय नमः । ५०

ॐ कारुण्यरससम्पूर्णाय नमः ।

ॐ कल्याणगुणवर्धनाय नमः ।

ॐ श्वेताम्बराय नमः ।

ॐ श्वेतवपुषे नमः ।

ॐ चतुर्भुजसमन्विताय नमः ।

ॐ अक्षमालाधराय नमः ।

ॐ अचिन्त्याय नमः ।

ॐ अक्षीणगुणभासुराय नमः ।

ॐ नक्षत्रगणसंचाराय नमः ।

ॐ नयदाय नमः । ६०

ॐ नीतिमार्गदाय नमः ।

ॐ वर्षप्रदाय नमः ।

ॐ हृषीकेशाय नमः ।

ॐ क्लेशनाशकराय नमः ।

ॐ कवये नमः ।

ॐ चिन्तितार्थप्रदाय नमः ।

ॐ शान्तमतये नमः ।

ॐ चित्तसमाधिकृते नमः ।

ॐ आधिव्याधिहराय नमः ।

ॐ भूरिविक्रमाय नमः । ७०

ॐ पुण्यदायकाय नमः ।

ॐ पुराणपुरुषाय नमः ।

ॐ पूज्याय नमः ।

ॐ पुरुहूतादिसन्नुताय नमः ।

ॐ अजेयाय नमः ।

ॐ विजितारातये नमः ।

ॐ विविधाभरणोज्ज्वलाय नमः ।

ॐ कुन्दपुष्पप्रतीकाशाय नमः ।

ॐ मन्दहासाय नमः ।

ॐ महामतये नमः । ८०

ॐ मुक्ताफलसमानाभाय नमः ।

ॐ मुक्तिदाय नमः ।

ॐ मुनिसन्नुताय नमः ।

ॐ रत्नसिंहासनारूढाय नमः ।

ॐ रथस्थाय नमः ।

ॐ रजतप्रभाय नमः ।

ॐ सूर्यप्राग्देशसंचाराय नमः ।

ॐ सुरशत्रुसुहृदे नमः ।

ॐ कवये नमः ।

ॐ तुलावृषभराशीशाय नमः । ९०

ॐ दुर्धराय नमः ।

ॐ धर्मपालकाय नमः ।

ॐ भाग्यदाय नमः ।

ॐ भव्यचारित्राय नमः ।

ॐ भवपाशविमोचकाय नमः ।

ॐ गौडदेशेश्वराय नमः ।

ॐ गोप्त्रे नमः ।

ॐ गुणिने नमः ।

ॐ गुणविभूषणाय नमः ।

ॐ ज्येष्ठानक्षत्रसंभूताय नमः । १००

ॐ ज्येष्ठाय नमः ।

ॐ श्रेष्ठाय नमः ।

ॐ शुचिस्मिताय नमः ।

ॐ अपवर्गप्रदाय नमः ।

ॐ अनन्ताय नमः ।

ॐ सन्तानफलदायकाय नमः ।

ॐ सर्वैश्वर्यप्रदाय नमः ।

ॐ सर्वगीर्वाणगणसन्नुताय नमः ।

॥ इति शुक्र अष्टोत्तरशतनामावलिः सम्पूर्णम् ॥

 

Shukra Ashtottara Shatanamavali Benefits / शुक्र अष्टोत्तर शतनामावली पाठ के लाभ

  • शुक्र अष्टोत्तर शतनामावली के जाप से व्यक्ति का शुक्र गृह प्रबल होता है।
  • इसके प्रभाव से व्यक्ति के सौन्दर्य में वृद्धि होती।
  • इस अष्टोत्तर का जाप करने से सुख – सौभाग्य में वृद्धि होती है।
  • निरन्तर इसके जप से जातक में तेज आता है।
  • शुक्र ग्रह की महादशा व अन्तर्दशा में इसके जाप से विशेष लाभ होता है।

 
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