श्री कृष्ण चालीसा | Shri Krishna Chalisa

दोस्तों आज हमने आपके लिए Shri Krishna Chalisa PDF in Hindi / श्री कृष्णा चालीसा PDF हिंदी भाषा में अपलोड किया है। भगवान् श्री कृष्ण को उनके भक्त अनेक नामों से जानते हैं, जैसे घनश्याम, गोपाल , नंदलाल , यशोदानन्दन तथा श्याम आदि। श्री कृष्ण जी का हिन्दू धर्म में अत्यधिक विशेष स्थान है। भारत सही विश्व के अलग – अलग स्थानों में भगवान् श्री कृष्ण के अनगिनत भक्त रहते हैं। गोपाल जी को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्त विभिन्न प्रकार के भक्तिगीतों व मंगल ज्ञान का प्रयोग करते हैं जिनमे से श्री कृष्ण चालीसा PDF का भी अपना एक विशेष प्रभाव है। इस पोस्ट में हमने आपके लिए Shri Krishna Chalisa PDF in Hindi / कृष्णा चालीसा इन हिंदी PDF डाउनलोड लिंक भी दिया है।
जिस प्रकार श्री कृष्ण को उनकी मधुरता के लिए जाना जाता है ठीक उसी प्रकार श्री कृष्ण चालीसा आरती भी भगवान् श्री कृष्ण को समर्पित एक अत्यन्त मधुर व कर्णप्रिय भक्तिमय गीत है। यदि आप भी अपने जीवन में मधुरता का समावेश करना चाहते हैं तो आप भी प्रतिदिन श्री कृष्ण चालीसा का पाठ अवश्य करें।

श्री कृष्ण चालीसा इन हिंदी PDF | Shri Krishna Chalisa PDF in Hindi

॥ दोहा ॥

बंशी शोभित कर मधुर,नील जलद तन श्याम।

अरुण अधर जनु बिम्बा फल,पिताम्बर शुभ साज॥

जय मनमोहन मदन छवि,कृष्णचन्द्र महाराज।

करहु कृपा हे रवि तनय,राखहु जन की लाज॥

॥ चौपाई ॥

जय यदुनन्दन जय जगवन्दन।जय वसुदेव देवकी नन्दन॥

जय यशुदा सुत नन्द दुलारे।जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥

जय नट-नागर नाग नथैया।कृष्ण कन्हैया धेनु चरैया॥

पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो।आओ दीनन कष्ट निवारो॥

वंशी मधुर अधर धरी तेरी।होवे पूर्ण मनोरथ मेरो॥

आओ हरि पुनि माखन चाखो।आज लाज भारत की राखो॥

गोल कपोल, चिबुक अरुणारे।मृदु मुस्कान मोहिनी डारे॥

रंजित राजिव नयन विशाला।मोर मुकुट वैजयंती माला॥

कुण्डल श्रवण पीतपट आछे।कटि किंकणी काछन काछे॥

नील जलज सुन्दर तनु सोहे।छवि लखि, सुर नर मुनिमन मोहे॥

मस्तक तिलक, अलक घुंघराले।आओ कृष्ण बांसुरी वाले॥

करि पय पान, पुतनहि तारयो।अका बका कागासुर मारयो॥

मधुवन जलत अग्नि जब ज्वाला।भै शीतल, लखितहिं नन्दलाला॥

सुरपति जब ब्रज चढ़यो रिसाई।मसूर धार वारि वर्षाई॥

लगत-लगत ब्रज चहन बहायो।गोवर्धन नखधारि बचायो॥

लखि यसुदा मन भ्रम अधिकाई।मुख महं चौदह भुवन दिखाई॥

दुष्ट कंस अति उधम मचायो।कोटि कमल जब फूल मंगायो॥

नाथि कालियहिं तब तुम लीन्हें।चरणचिन्ह दै निर्भय किन्हें॥

करि गोपिन संग रास विलासा।सबकी पूरण करी अभिलाषा॥

केतिक महा असुर संहारयो।कंसहि केस पकड़ि दै मारयो॥

मात-पिता की बन्दि छुड़ाई।उग्रसेन कहं राज दिलाई॥

महि से मृतक छहों सुत लायो।मातु देवकी शोक मिटायो॥

भौमासुर मुर दैत्य संहारी।लाये षट दश सहसकुमारी॥

दै भिन्हीं तृण चीर सहारा।जरासिंधु राक्षस कहं मारा॥

असुर बकासुर आदिक मारयो।भक्तन के तब कष्ट निवारियो॥

दीन सुदामा के दुःख टारयो।तंदुल तीन मूंठ मुख डारयो॥

प्रेम के साग विदुर घर मांगे।दुर्योधन के मेवा त्यागे॥

लखि प्रेम की महिमा भारी।ऐसे श्याम दीन हितकारी॥

भारत के पारथ रथ हांके।लिए चक्र कर नहिं बल ताके॥

निज गीता के ज्ञान सुनाये।भक्तन ह्रदय सुधा वर्षाये॥

मीरा थी ऐसी मतवाली।विष पी गई बजाकर ताली॥

राना भेजा सांप पिटारी।शालिग्राम बने बनवारी॥

निज माया तुम विधिहिं दिखायो।उर ते संशय सकल मिटायो॥

तब शत निन्दा करी तत्काला।जीवन मुक्त भयो शिशुपाला॥

जबहिं द्रौपदी टेर लगाई।दीनानाथ लाज अब जाई॥

तुरतहिं वसन बने ननन्दलाला।बढ़े चीर भै अरि मुँह काला॥

अस नाथ के नाथ कन्हैया।डूबत भंवर बचावत नैया॥

सुन्दरदास आस उर धारी।दयादृष्टि कीजै बनवारी॥

नाथ सकल मम कुमति निवारो।क्षमहु बेगि अपराध हमारो॥

खोलो पट अब दर्शन दीजै।बोलो कृष्ण कन्हैया की जै॥

॥ दोहा ॥

यह चालीसा कृष्ण का,पाठ करै उर धारि।

अष्ट सिद्धि नवनिधि फल,लहै पदारथ चारि॥

श्री कृष्ण चालीसा के लाभ | Shri Krishna Chalisa Benefits

  • श्री कृष्ण चालीसा काa पाठ करने वाले व्यक्ति का जीवन आनन्दमधुरता से भर जाता है।
  • जिन प्रेमी युगलों के प्रेम सम्बन्धों में बार-बार बाधाएँ उत्पन्न होती रहती हैं , यदि वह इस चालीसा का नियमित रूप से पाठ करते हैं तो उनके प्रेम सम्बन्धों में आने वाली बाधाएँ शीघ्र समाप्त हो जाती हैं।
  • इस दिव्य पाठ के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन से समस्त प्रकार के क्लेश मिट जाते हैं।
  • जो लोग मानसिक रूप से अत्यधिक पीड़ित रहते हैं अथवा सदैव चिंतित रहते हैं , श्री कृष्ण चालीसा के पाठ के फलस्वरूप भगवान् श्री कृष्ण उनकी सारी मानसिक पीड़ाओं का नाश करते हैं।
  • जो स्त्रियाँ गर्भवती हैं तथा एक रूपवानगुणवान सन्तान की कामना करती हैं, उन्हें श्री कृष्ण चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिये।

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