शीतला माता की आरती। Sheetla Mata Ki Aarti Lyrics

प्रिय पाठक, यदि आप शीतला माता की आरती PDF /  Sheetla Mata Ki Aarti Lyrics PDF In Hindi में ढूंढ रहे हैं और आप इसे कहीं भी नहीं ढूंढ पा रहे हैं तो चिंता न करें आप सही पृष्ठ पर हैं। हिन्दू वैदिक ज्योतिष के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। शीतला अष्टमी का पर्व होली के ठीक बाद 18वें दिन मनाया जाता है। इस दिन शीतला माता की पूजा की जाती है। शीतला अष्टमी को भारत के कई क्षेत्रों में स्थानीय भाषा में बसोड़ा के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि इस दिन शीतला माता को बासी खाना परोसा जाता है और लोग बासी खाना भी खाते हैं. उत्तर भारत में इस पर्व का विशेष महत्व है।

शीतला माता की आरती PDF । Sheetla Mata Ki Aarti Lyrics PDF In Hindi

जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
आदि ज्योति महारानी,
सब फल की दाता ॥
ॐ जय शीतला माता..॥
रतन सिंहासन शोभित,
श्वेत छत्र भाता ।
ऋद्धि-सिद्धि चँवर ढुलावें,
जगमग छवि छाता ॥
ॐ जय शीतला माता..॥
 
विष्णु सेवत ठाढ़े,
सेवें शिव धाता ।
वेद पुराण वरणत,
पार नहीं पाता ॥
ॐ जय शीतला माता..॥
 
इन्द्र मृदङ्ग बजावत,
चन्द्र वीणा हाथा ।
सूरज ताल बजावै,
नारद मुनि गाता ॥
ॐ जय शीतला माता..॥
 
घण्टा शङ्ख शहनाई,
बाजै मन भाता ।
करै भक्तजन आरती,
लखि लखि हर्षाता ॥
ॐ जय शीतला माता..॥
 
ब्रह्म रूप वरदानी,
तुही तीन काल ज्ञाता ।
भक्तन को सुख देती,
मातु पिता भ्राता ॥
ॐ जय शीतला माता..॥
 
जो जन ध्यान लगावे,
प्रेम शक्ति पाता ।
सकल मनोरथ पावे,
भवनिधि तर जाता ॥
ॐ जय शीतला माता..॥
 
रोगों से जो पीड़ित कोई,
शरण तेरी आता ।
कोढ़ी पावे निर्मल काया,
अन्ध नेत्र पाता ॥
ॐ जय शीतला माता..॥
 
बांझ पुत्र को पावे,
दारिद्र कट जाता ।
ताको भजै जो नाहीं,
सिर धुनि पछताता ॥
ॐ जय शीतला माता..॥
 
शीतल करती जननी,
तू ही है जग त्राता ।
उत्पत्ति व्याधि बिनाशन,
तू सब की घाता ॥
ॐ जय शीतला माता…॥
 
दास विचित्र कर जोड़े,
सुन मेरी माता ।
भक्ति आपनी दीजै,
और न कुछ भाता ॥
ॐ जय शीतला माता…॥
 
जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
आदि ज्योति महारानी,
सब फल की दाता ॥
ॐ जय शीतला माता..॥
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