यदि आप साईं बाबा की आरती PDF / Sai Baba Aarti PDF in Hindi फाइल की रूप में डाउनलोड करना चाहते हैं, तो इस लेख के माध्यम से आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। यह आरती साईं बाबा की प्रचलित आरतियों में से एक है। यह आरती बहुत ही सरल व सुन्दर है। आप आसानी से इसका गायन कर सकते हैं। सही बाबा के भक्तों को यह आरती बहुत पसंद है। इस पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप श्री साईं बाबा आरती PDF / Sai Baba Aarti Lyrics PDF in Hindi बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।
आप साईं बाबा को प्रसन्न करने के लिए इस आरती का प्रयोग अवश्य कर सकते हैं। जब भी अब साई चालीसा का पाठ करे या साई का पूजन करे तो अंत में इस आरती का गया जरूर करें क्यों की कोई पूजा बिना आरती के पूरी नही मानी जाती। आरती करना पूजा की सफलता के लिए बहुत आवश्यक है।
साईं बाबा आरती PDF | Sai Baba Aarti PDF in Hindi
आरती श्री साईं गुरुवर की,परमानन्द सदा सुरवर की।
जा की कृपा विपुल सुखकारी,दु:ख शोक, संकट, भयहारी॥
आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की।
शिरडी में अवतार रचाया,चमत्कार से तत्व दिखाया।
कितने भक्त चरण पर आये,वे सुख शान्ति चिरंतन पाये॥
आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की।
भाव धरै जो मन में जैसा,पावत अनुभव वो ही वैसा।
गुरु की उदी लगावे तन को,समाधान लाभत उस मन को॥
आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की।
साईं नाम सदा जो गावे,सो फल जग में शाश्वत पावे।
गुरुवासर करि पूजा-सेवा,उस पर कृपा करत गुरुदेवा॥
आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की।
राम, कृष्ण, हनुमान रुप में,दे दर्शन, जानत जो मन में।
विविध धर्म के सेवक आते,दर्शन कर इच्छित फल पाते॥
आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की।
जै बोलो साईं बाबा की,जै बोलो अवधूत गुरु की।
‘साईंदास’ आरती को गावै,घर में बसि सुख, मंगल पावे॥
आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की।
साईं बाबा के 11 वचन / Sai Baba Ke 11 Vachan
- जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा
- चढ़े समाधि की सीढ़ी पर, पैर तले दुख की पीढ़ी पर
- त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौड़ा आऊंगा
- मन में रखना दृढ़ विश्वास, करे समाधि पूरी आस
- मुझे सदा जीवित ही जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो
- मेरी शरण आ खाली जाए, हो तो कोई मुझे बताए
- जैसा भाव रहा जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मन का
- भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा
- आ सहायता लो भरपूर, जो मांगा वो नहीं है दूर
- मुझमें लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया
- धन्य धन्य व भक्त अनन्य , मेरी शरण तज जिसे न अन्य
श्री साईं बाबा आरती PDF | Sai Baba Aarti Lyrics PDF in Hindi
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