रंभा तीज व्रत 13 जून रविवार को रखा जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, रंभा तीज व्रत हर साल ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। इस व्रत रंभा तृतीया व्रत भी कहते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को सुहागिन महिलाएं सौभाग्य के लिए ये व्रत रखती हैं। रंभा तीज के दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर व्रत का संकल्प लेकर भगवान शिव, माता पार्वती और लक्ष्मी जी की पूजा करती हैं। सुहागिन महिलाएं महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सौभाग्य और संतान सुख की इच्छा से ये व्रत करती हैं। इस व्रत में भगवान शिव-पार्वती के साथ लक्ष्मी जी की पूजा भी की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार अप्सरा रंभा ने इस व्रत को किया था। इसलिए इसे रंभा तीज कहा जाता है। इस पोस्ट में, हमने Rambha Teej (Tritiya) Vrat Katha Hindi PDF / रंभा तीज (तृतीया) व्रत कथा और पूजा विधि पीडीएफ के लिए डाउनलोड लिंक भी प्रदान किया है।
रंभा तीज (तृतीया) व्रत पूजा विधि | Rambha Teej Vrat Pooja Vidhi in Hindi
- सूर्योदय से पहले उठकर नित्यकर्म के बाद स्नान करें।
- इसके बाद पूजा स्थल पर पूर्व दिशा में मुंहकर के पूजा के लिए बैठें।
- अब स्वच्छ आसन पर भगवान शिव-पार्वती की मूर्ति स्थापित करें।
- उनके आसपास पूजा में पांच दीपक लगाएं।
- पहले गणेश जी की पूजा करें।
- फिर इन 5 दीपक की पूजा करें।
- इनके बाद भगवान शिव-पार्वती की पूजा करनी चाहिए।
- पूजा में मां पार्वती को कुमकुम, चंदन, हल्दी, मेहंदी, लाल फूल, अक्षत और अन्य पूजा की सामग्री चढ़ाएं।
- भगवान शिव गणेश और अग्निदेव को अबीर, गुलाल, चंदन और अन्य सामग्री चढ़ाएं।
Rambha Teej Vrat Mantra | रंभा व्रत मंत्र
ॐ ! रंभे अगच्छ पूर्ण यौवन संस्तुते
Rambha Teej Vrat Ka Mahatv | रंभा तीज व्रत का महत्व
रंभा तीज व्रत करने से महिलाओं को सौभाग्य मिलता है। पति की उम्र बढ़ती है। संतान सुख मिलता है। इस दिन व्रत रखने और दान करने से मनोकामना पूरी होती है। रंभा तीज करने वाली महिलाएं निरोगी रहती हैं। उनकी उम्र और सुंदरता दोनों बढ़ती हैं। जिस घर में ये व्रत किया जाता है। वहां समृद्धि और शांति रहती है। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार, रंभा एक अप्सरा हैं, जिनकी उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी। रंभा को सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है। इसलिए सुंदर यौवन की प्राप्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है।
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