नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप श्री रामाष्टकम् / Ramashtakam in Hindi PDF प्राप्त कर सकते हैं। श्री रामाष्टकम् भगवान् श्री राम को समर्पित एक बहुत ही मधुर स्तोत्र है। भगवान् श्री राम जी को मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है। राम जी के जीवन से हम सभी को आदर्श व्यवहार की सीख लेनी चाहिए।
यदि आप भी अपने जीवन में भगवान् श्री राम जी की कृपा व आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको नियमित रूप से श्री रामाष्टकम् का पाठ अवश्य करना चाहिए। श्री रामाष्टकम् का पाठ प्रतिदिन विधि – विधान से करने से न केवल श्री राम जी कृपा करते हैं बल्कि हनुमान जी का आशिरवाद भी मिलता है।
श्री रामाष्टकम् PDF | Ramashtakam Lyrics in Hindi PDF
अथ रामाष्टकम् ।
श्रीशिव उवाच ।
सुग्रीवमित्रं परमं पवित्रं सीताकलत्रं नवमेघगात्रम् ।
कारुण्यपात्रं शतपत्रनेत्रं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥ १॥
संसारसारं निगमप्रचारं धर्मावतारं हृतभूमिभारम् ।
सदाविकारं सुखसिन्धुसारं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥ २॥
लक्ष्मीविलासं जगतां निवासं लङ्काविनाशं भुवनप्रकाशम् ।
भूदेववासं शरदिन्दुहासं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥ ३॥
मन्दारमालं वचने रसालं गुणैर्विशालं हतसप्ततालम् ।
क्रव्यादकालं सुरलोकपालं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥ ४॥
वेदान्तगानं सकलैः समानं हृतारिमानं त्रिदशप्रधानम् ।
गजेन्द्रयानं विगतावसानं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥ ५॥
श्यामाभिरामं नयनाभिरामं गुणाभिरामं वचनाभिरामम् ।
विश्वप्रणामं कृतभक्तकामं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥ ६॥
लीलाशरीरं रणरङ्गधीरं विश्वैकसारं रघुवंशहारम् ।
गम्भीरनादं जितसर्ववादं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥ ७॥
खले कृतान्तं स्वजने विनीतं सामोपगीतं मनसा प्रतीतम् ।
रागेण गीतं वचनादतीतं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥ ८॥
श्रीरामचन्द्रस्य वराष्टकं त्वां मयेरितं देवि मनोहरं ये ।
पठन्ति शृण्वन्ति गृणन्ति भक्त्या ते स्वीयकामान् प्रलभन्ति नित्यम् ॥ ९॥
इति शतकोटिरामचरितान्तर्गते श्रीमदानन्दरामायणे
वाल्मीकीये सारकाण्डे युद्धचरिते द्वादशसर्गान्तर्गतं
श्रीरामाष्टकं समाप्तम् ॥
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