यह अंश रामचरितमानस के बालकांड से लिया गया है। सीता स्वयंवर में राम द्वारा शिव धनुष भंग के बाद मुनि परशुराम को जब यह समाचार मिलता है , तो वह क्रोधित होकर वहां आते हैं। शिव धनुष को खंडित देखकर वह अत्यंत क्रोधित हो जाते हैं। राम के विनय और विश्वामित्र के समझाने पर , तथा राम की शक्ति की परीक्षा लेकर अंततः उनका क्रोध शांत होता है। इस बीच राम – लक्ष्मण और परशुराम के बीच जो संवाद हुआ , उस प्रसंग को यहां प्रस्तुत किया गया है। परशुराम के क्रोध भरे वाक्यों का उत्तर लक्ष्मण व्यंग्य वचनों से देते हैं। इस प्रसंग की विशेषता है लक्ष्मण के वीर रस से पगी व्यंग्योक्ति और व्यंजना शैली की सरस अभिव्यक्ति।
You may also like:
परशुराम जी की आरती
श्री परशुराम कवच
परशुराम चालीसा
राम रक्षा स्तोत्र
श्री राम जन्म स्तुति
श्री रामाष्टकम्
श्री परशुराम मंत्र
कक्षा 10 की क्षितिज पुस्तक के पाठ 2 राम-लक्ष्मण परशुराम संवाद से सम्बन्धित आवश्यक प्रश्न-उत्तर की पीडीऍफ़ आप नीचे दिए हुए लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं।