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राहु कवच स्तोत्र PDF / Rahu Stotram Lyrics in Sanskrit PDF
।। राहुस्तोत्रम् ।।
अथ राहुस्तोत्रप्रारम्भः ।
ॐ अस्य श्री राहुस्तोत्रमहामन्त्रस्य वामदेव ऋषिः ।
अनुष्टुप्च्छन्दः । राहुर्देवता ।
राहुप्रसादसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।
काश्यप उवाच ।
शृण्वन्तु मुनयः सर्वे राहुप्रीतिकरं स्तवम् ।
सर्वरोगप्रशमनं विषभीतिहरं परम् ॥ १॥
सर्वसम्पत्करं चैव गुह्यमेतदनुत्तमम् ।
आदरेण प्रवक्ष्यामि श्रूयतामवधानतः ॥ २॥
राहुः सूर्यरिपुश्चैव विषज्वाली भयाननः ।
सुधांशुवैरिः श्यामात्मा विष्णुचक्राहितो बली ॥ ३॥
भुजगेशस्तीक्ष्णदंष्ट्रः क्रूरकर्मा ग्रहाधिपः ।
द्वादशैतानि नामानि नित्यं यो नियतः पठेत् ॥ ४॥
जप्त्वा तु प्रतिमां रंयां सीसजां माषसुस्थिताम् ।
नीलैर्गन्धाक्षतैः पुष्पैः भक्त्या सम्पूज्य यत्नतः ॥ ५॥
विधिना वह्निमादाय दूर्वान्नाज्याहुतीः क्रमात्।
तन्मन्त्रेणैव जुहुयाद्यावदष्टोत्तरं शतम् ॥ ६॥
हुत्वैवं भक्तिमान् राहुं प्रार्थयेद्ग्रहनायकम् ।
सर्वापद्विनिवृत्यर्थं प्राञ्जलिः प्रणतो नरः ॥ ७
राहो कराळवदन रविचन्द्रभयङ्कर ।
तमोरूप नमस्तुभ्यं प्रसादं कुरु सर्वदा ॥ ८॥
सिम्हिकासुत सूर्यारे सिद्धगन्धर्वपूजित ।
सिंहवाह नमस्तुभ्यं सर्वान्रोगान् निवारय ॥ ९॥
कृपाणफलकाहस्त त्रिशूलिन् वरदायक ।
गरळातिगराळास्य गदान्मे नाशयाखिलान् ॥ १०॥
स्वर्भानो सर्पवदन सुधाकरविमर्दन ।
सुरासुरवरस्तुत्य सर्वदा त्वं प्रसीद मे ॥ ११॥
इति सम्प्रार्थितो राहुः दुष्टस्थानगतोऽपि वा ।
सुप्रीतो जायते तस्य सर्वान् रोगान् विनाशयेत् ॥ १२॥
विषान्न जायते भीतिः महारोगस्य का कथा ।
सर्वान् कामानवाप्नोति नष्टं राज्यमवाप्नुयात् ॥ १३॥
एवं पठेदनुदिनं स्तवराजमेतं मर्त्यः प्रसन्न हृदयो विजितेन्द्रियो यः ।
आरोग्यमायुरतुलं लभते सुपुत्रान्सर्वे ग्रहा विषमगाः सुरतिप्रसन्नाः ॥ १४॥
इति राहुस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।
राहु स्तोत्र के लाभ / Rahu Stotram Benefits in Hindi PDF
- राहु स्तोत्रम के पाठ से जातक की कुंडली में राहु की स्थि प्रबल होती है।
- राहु की अन्तर्दशा व महादशा में भी इसका लाभ होता है।
- इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से मानसिक समस्याएं दूर होती हैं।
- राहु की आराधना से जातक की निर्णय लेने की शक्ति बढ़ती है।
- इस स्तोत्र के प्रभाव से आप राहु जनित समस्याओं से बच सकते हैं।
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