नमस्कार पाठकों, नित्य बोले जाने वाले श्लोक PDF प्राप्त कर सकते हैं। यह श्लोक नित्य पूजा के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होते हैं। यदि आप घर में नित्य वैदिक पूजन करते हैं तो आपके घर में सकारात्मक वातावरण रहता है तथा घर में किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश नहीं होता है जिसके कारण व्यक्ति सदैव प्रसन्न रहता है।
यदि आप भी अपने घर में प्रतिदिन पूजन करना चाहते हैं तथा अपने व अपने परिवार की कुशलता चाहते हैं, तो दैनिक पूजन अवश्य करें। दैनिक पूजन मनुष्य को मानसिक शांति भी प्रदान करता है तथा उसके जीवन में आने वाली विभिन्न दुर्घटनाएं भी टल जाती हैं। यहां दिए गए नित्य बोले जाने वाले श्लोक आपकी सहायता करेंगे।
नित्य बोले जाने वाले श्लोक PDF
ॐ मंगलम् भगवान विष्णु: मंगलम् गरूड़ध्वज:।
मंगलम् पुण्डरीकांक्ष: मंगलाय तनो हरि।।
कराग्रे वसते लक्ष्मी: कर मध्ये सरस्वती।
करमूले गोविन्दाय, प्रभाते कर दर्शनम्।
गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवो महेश्वर:।
गुरु साक्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम:
करारविन्देन पदारविन्दं, मुखारविन्दे विनिवेशयन्तम्।
वटय पत्रस्य पुटेशयानं, बालं मुकुन्दं मनसा स्मरामि।।
सीताराम चरण कमलेभ्योनम: राधा-कृष्ण-चरण कमलेभ्योनम:।
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमै: सहस्त्रनाम तत्तुल्यं श्री रामनाम वरानने।
माता रामो मम् पिता रामचन्द्र:
स्वामी रामो ममत्सखा सखा रामचन्द्र:
सर्वस्व में रामचन्द्रो दयालु नान्यं जाने नैव जाने न जाने।।1।।
दक्षिणे लक्ष्मणो यस्त वामेच जनकात्मजा,
पुरतोमारुतिर्यस्य तं वंदे रघुनंदम्।
लोकाभिरामं रण रंग धीरं राजीव नेत्रम् रघुवंश नाथम्।
कारुण्य रूपम् करुणा करम् श्री रामचंद्रम शरणं प्रपद्ये।
आपदा मम हरतारं दातारम् सर्व सम्पदाम्
लोकाभिरामम् श्री रामम् भूयो भूयो नमाम्यहं।
रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे
रघुनाथाय नाथाय सीतापतये नम:।
श्री रामचंद्र चरणौ मनसास्मरासि,
श्री रामचंद्र चरणौ वचसा गृणोमि।
श्री रामचंद्र चरणौ शिरसा नमामि,
श्री रामचंद्र चरणौ शरणम् प्रपद्धे:।।
त्वमेव माता च पिता त्वमेव। त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव। त्वमेव सर्वम् ममदेव देव।
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