- नवग्रह गायत्री मन्त्र | Navagraha Gayatri Mantra List PDF :
गायत्री मन्त्र, वेदमाता देवी गायत्री का दिव्य मन्त्र है और इसके जाप से आप उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं। गायत्री मन्त्र के ही समान सूर्य, सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु तथा केतु नौ ग्रहों में प्रत्येक ग्रह को समर्पित भिन्न-भिन्न गायत्री मन्त्र भी वेदों में वर्णित हैं, जिन्हें नवग्रह गायत्री मन्त्रों के नाम से भी जाना जाता है।
(सूर्य)
अश्वध्वजाय विद्महे पाशहस्ताय धीमहि तन्नो सूर्यः प्रचोदयात् ।।
(सोम)
पद्मध्वजाय विद्महे हेमरूपाय धीमहि तन्नो सोमः प्रचोदयात् ।।
(मंगल)
वीरध्वजाय विद्महे विघ्नहस्ताय धीमहि तन्नो भौमः प्रचोदयात् ।।
(बुध)
गजध्वजाय विद्महे शुकहस्ताय धीमहि तन्नो बुधः प्रचोदयात् ।।
(गुरु)
वृषभध्वजाय विद्महे घृणि हस्ताय धीमहि तन्नो गुरुः प्रचोदयात् ।।
(शुक्र)
अश्वध्वजाय विद्महे धनुर्हस्ताय धीमहि तन्नो शुक्रः प्रचोदयात् ।।
(शनि)
कागध्वजाय विद्महे खड्गहस्ताय धीमहि तन्नो मन्दः प्रचोदयात् ।।
(राहु)
नागध्वजाय विद्महे पद्महस्ताय धीमहि तन्नो राहुः प्रचोदयात् ।।
(केतु)
अश्वध्वजाय विद्महे शूलहस्ताय धीमहि तन्नो केतुः प्रचोदयात् ।।
- नवग्रह गायत्री मन्त्र लाभ व महत्व | Navagraha Gayatri Mantra Benefits & Significance :
वैदिक ज्योतिष में गायत्री मन्त्र का अत्यन्त महत्व है। यदि आप नवग्रह सम्बन्धित किसी भी प्रकार की समस्या से पीड़ित हैं तो आप अपनी राशि व राशि स्वामी के अनुसार उपरोक्त मन्त्र का जाप कर सकते हैं। इन दिव्य वैदिक मन्त्रों के जाप से आप निश्चित ही शान्ति का अनुभव करेंगे।
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