Here you can get the Naat Sharif Book PDF in Hindi and recite it whenever you want. It is the collection of various verses related to Naat Sharif. There are several places where you can find it but not in pdf format. But here you can get it for free of cost without any issue.
Here you can read so many verses that will motivate you and indicate you about life and help you to understand about them. Naʽat is poetry in praise of the Islamic prophet, Muhammad. The practice is popular in South Asia, commonly in Bengali, Punjabi, or Urdu but here you can read it in Hindi. People who recite Naʽat are known as Naʽat Khawan or sanaʽa-khuaʽan
नात शरीफ कव्वाली हिंदी / Naat Sharif Book Hindi PDF
जिंदगी अपनी यू खुशनुमा कीजिए
जिक्रे अहमद हमेशा किया कीजिए
दर्स हमको मिला ये नबी पाक से
दुश्मनों के भी हक में दुआ कीजिए
कामयाबी की कुंजी अगर चाहिए
सरवरे दीन से राब्ता कीजिए
वह सफायत करेंगे यकीनन मगर
आप पाबंदे सुन्नत रहा कीजिए
लज़्ज्ते ज़िक्र का फिर मजा आएगा
पहले दिल को बलाली बना लीजिए
हर बला सर से चलती रहेगी सदा
सानी सजदा खुशी से दिया कीजिए
नूरुद्दीन सानी
नाते पाक
ऐ कलम तू सबसे पहले अहमदे मुख्तार लिख
फिर इमाम उल अंबिया के शीरतो किरदार लिख
हर तरफ फैला उजाला मुस्तफा की जात से
ताजदार ए अंबिया को मरकज ए अनवार लिख
मजहब ए इस्लाम की खातिर हुए कुर्बान जो
जांनिसार ए कर्बला का जज्बा ए ऐसार लिख
नात लिखने की अगर ख्वाहिश है ऐ मेरे अजीज
मिद्हते सरकार में डूबे हुए अशआर लिख
चार यार मुस्तफा का नाम गर पूछे कोई
बू बकर, फारुक उस्मां, हैदर ए किरदार लिख
और कुछ भी लिख न लिख ऐ कातिबे तकदीर तू
मेरी किस्मत में रसूले पाक का दरबार लिख
शाह ए दीं फखरे दो आलम की मुकद्दस ज़ात को
ऐ बशर तू दो जहां का मालिको मुख्तार लिख
क्या पूछते हैं शान और अजमत हुजूर की
दोनों जहां बने हैं बदौलत हुजूर की
चूमेगी कामयाबी कदम उसका बिल्यक़ीं
अपनाई जिस किसी ने भी सीरत हुजूर की
जब नबी को सीने में महफूज कर लिया
बख्शीश को मेरे काफी है उल्फत हुजुर की
अहले जमीन से वस्फ़े नबी क्या बयान हो
अर्शे बरीं पे होती है मिद्हत हुजूर की
बेखौफ होके गुजरेगा पुले सिरात से
रखता है जो भी दिल में अकीदत हुजूर की
कुंजी तो मगफिरत की है दस्ते हुजूर में
करते हैं लोग फिर भी अहानत हुजूर की
मोहकम यकीन रखिए बशर उनकी जात पर
मिहशर में काम आएगी शफकत हुजूर की
बशर रहीमी, महुआ, वैशाली, बिहार
नात ए पाक
सारे जहाँ में हैं वही फ़रज़ाने या नबी।
जो हैं तुम्हारे नाम के दीवाने या नबी।
मस्ती में झूम जायेंगे मस्ताने या नबी।
कौसर के जब लुटाओगे पैमाने या नबी।
बेनूर आसमान था बेरंग यह जहां।
आ कर सजाए आप ने वीराने या नबी।
हम पर निगाह कीजिए दर पर बुलाइए।
बनने लगे असीरी के अफ़साने या नबी।
सुन्नत से दूर हो गए हम जब से आपकी।
दिल हो गए हमारे ये ज़म ख़ाने या नबी।
सब कुछ मिला है आपके सदक़े में जब हमें।
कैसे अदा हों आप के शुक्राने या नबी।
हो जाऐं तिशना खाब मुकम्मल फ़राज़ के।
इस पर खुलें जो दीद के मयख़ाने या नबी।
सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़
मुरादाबाद उत्तर प्रदेश
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