श्री महालक्ष्मी स्तोत्र | Mahalakshmi Stotram

प्रिय पाठकों, इस लेख के द्वारा श्री महालक्ष्मी स्तोत्र PDF प्राप्त कर सकते हैं । श्री महालक्ष्मी स्तोत्र माता लक्ष्मी को समर्पित एक बहुत ही दिव्य स्तोत्र है । यह स्तोत्र बहुत अधिक प्रभावशाली है । यदि आप अपने जीवन में निर्धनता से बहुत अधिक पीड़ित हैं, तो आपको इस दिव्य स्तोत्र का पाठ अपने जीवन में अवश्य करना चाहिए ।
यदि आप इस स्तोत्र का प्रभाव तुरंत देखना चाहते हैं, तो प्रतिदिन इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करें । यदि आप प्रतिदिन इस स्तोत्र का पाठ करने में असमर्थ हैं, केवल शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी के समक्ष घी का दीपक लगाकर इसका पाठ करें । देवी लक्ष्मी की कृपा से आपके जीवन में सभी प्रकार के सुखों का आगमन होता है ।
महालक्ष्मी अष्टकम तथा श्री महालक्ष्मी कवच का पाठ करने से लक्ष्मी माता बहुत खुश हो जाती है और खूब कृपा  बरसाती हैं। भक्तजनों को महालक्ष्मी मंत्र का जाप करते रहना चाहिए। सच्चे मन से माता की पूजा- अर्चना कर के लक्ष्मी जी की आरती भी अवश्य करनी चाहिए। श्री लक्ष्मी सहस्रनाम स्तोत्र तथा सिद्ध लक्ष्मी स्तोत्र का नियमित पाठ करने से लक्ष्मी जी खुश होकर अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं। जो भी भक्तजन आर्थिक रूप से परेशान है उन्हें वैभव लक्ष्मी का व्रत रखना चाहिए और वैभव लक्ष्मी व्रत कथा सुननी चाहिए ऐसा करने से मैया अपने भक्तों पर खूब धनवर्षा करती हैं।
 

श्री महालक्ष्मी स्तोत्र संस्कृत / Mahalakshmi Stotram Lyrics in Hindi

श्रीमहालक्ष्मीस्तोत्रम्

श्रीरामजयम् ।

ॐ सद्गुरुश्रीत्यागराजस्वामिने नमो नमः ।

ॐ श्रीरूपायैच विद्महे । शुभदायैच धीमहि ।

तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ॥

श्रींबीजपूजिते देवि हरिवक्षस्थलालये ।

सर्वसौमङ्गलाधात्रि महालक्ष्मि नमोस्तु ते ॥ १॥

विद्यालक्ष्मि सुधासारे ज्ञानलक्ष्मि वसुप्रदे ।

भद्रे लक्ष्मि नमस्तुभ्यं मोक्षलक्ष्मि प्रसीद मे ॥ २॥

सर्वलक्षणलक्षण्ये सौमङ्गल्यसुविग्रहे ।

स्वस्तिवाक् श्रीः शुचीरूपे शान्तिरूपे सुखास्पदे ॥ ३॥

अष्टैश्वर्यप्रदे लक्ष्मि अष्टलक्ष्मि सुपूजिते ।

नित्यैश्वर्यवरे लक्ष्मि नित्यानन्दस्वरूपिणि ॥ ४॥

धनधान्यसुसन्तानधैर्यसौन्दर्यरूपिणि ।

तनुरारोग्यसौभाग्यसानन्दसिद्धिदायिनि ॥ ५॥

उषोरागजये लक्ष्मि उषोगानप्रसादिनि ।

सन्ध्यासुरागसङ्गीते सन्ध्यादीपप्रकाशिनि ॥ ६॥

गीतवाद्यप्रिये लक्ष्मि गतकर्मजसत्पदे ।

ओङ्कारसदनेमातः कुरुदृष्टिप्रसादनम् ॥ ७॥

नादोङ्कारस्वरूपेश्रीः सुनादस्वरसालये ।

नादसुस्वरमाधुर्येनादान्तःप्रशमालये ॥ ८॥

मनःस्फूर्तिकरे लक्ष्मि मनःसारसवासिनि ।

मनःपुष्पार्चितेमातर्मनोमयमदम्बिके ॥ ९॥

आदिलक्ष्मि मदम्ब त्वं रक्ष मां कुरु त्वत्कृपाम् ।

आधिव्याध्यार्तिपङ्काद्विमोचनं कुरु शाश्वतम् ॥ १०॥

पङ्केरुहविशालाक्षि कटाक्षेण विमोचय ।

सदा मां पातु मालक्ष्मि सदा तिष्ठ मया सह ॥ ११॥

जन्ममृत्युजरातापजालाद्विमोचनं कुरु ।

कुरु मेत्वयि लीनं श्रीः कुरु जन्मनिवारणम् ॥ १२॥

इहसौख्ये सुमाङ्गल्येपरमोक्षप्रदायिनि ।

श्रीमन्नारायणानन्दे लक्ष्मि तुभ्यं नमो नमः ॥ १३॥

मङ्गलं श्रीमहालक्ष्म्यैशुभलक्ष्म्यैसुमङ्गलम् ।

मङ्गलं मङ्गलाङ्कायैमात्रे नित्यं सुमङ्गलम् ॥ १४॥

त्यागराजगुरुस्वामिशिष्यापुष्पाकृतस्तुतिः ।

महालक्ष्मीबहुप्रीता सुमाङ्गल्या शुभप्रदा ॥ १५॥

इति सद्गुरुश्रीत्यागराजस्वामिनः शिष्यया भक्तया पुष्पया कृतं

श्रीमहालक्ष्मीस्तोत्रं गुरौ समर्पितम् ।

ॐ शुभमस्तु ।

 

श्री महालक्ष्मी आरती / Shri Mahalakshmi Aarti Lyrics in Hindi

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता

तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत

हरि विष्णु विधाता, ॐ जय लक्ष्मी माता) x २

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता

सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॐ

जय लक्ष्मी माता x २

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता

ॐ जय लक्ष्मी माता x २

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता

ॐ जय लक्ष्मी माता x २

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता

सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता

ॐ जय लक्ष्मी माता x २

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता

खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता

ॐ जय लक्ष्मी माता x २

शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता

ॐ जय लक्ष्मी माता x २

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता

उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता

ॐ जय लक्ष्मी माता x २

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता

तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत

हरि विष्णु विधाता, ॐ जय लक्ष्मी माता x २

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0 thoughts on “श्री महालक्ष्मी स्तोत्र | Mahalakshmi Stotram”

  1. Please🙏🙏🙏🙏 lakshmi स्रोत path punjabi mein bhi pdf bna du please🙏🙏🙏🙏🙏

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