दोस्तों इस पोस्ट में हमने आपके लिए हिन्दी भाषा का विकास PDF अपलोड किया हैं। हिंदी भारतीय गणराज की राजकीय और मध्य भारतीय- आर्य भाषा है। सन 2001 की जनगणना के अनुसार, लगभग 25.79 करोड़ भारतीय हिंदी का उपयोग मातृभाषा के रूप में करते हैं, जबकि लगभग 42.20 करोड़ लोग इसकी 50 से अधिक बोलियों में से एक इस्तेमाल करते हैं। हिंदी की आदि जननी संस्कृत है। संस्कृत पालि, प्राकृत भाषा से होती हुई अपभ्रंश तक पहुँचती है। फिर अपभ्रंश, अवहट्ट से गुजरती हुई प्राचीन/प्रारम्भिक हिंदी का रूप लेती है। विशुद्धतः, हिंदी भाषा के इतिहास का आरम्भ अपभ्रंश से माना जाता है। इस पोस्ट में हमने आपके लिए हिन्दी भाषा का विकास PDF डाउनलोड लिंक भी दिया है।
हिन्दी भाषा का विकास PDF
हिंदी के आधुनिक काल तक आते–आते ब्रजभाषा जनभाषा से काफ़ी दूर हट चुकी थी और अवधी ने तो बहुत पहले से ही साहित्य से मुँह मोड़ लिया था। 19वीं सदी के मध्य तक अंग्रेज़ी सत्ता का महत्तम विस्तार भारत में हो चुका था। इस राजनीतिक परिवर्तन का प्रभाव मध्य देश की भाषा हिंदी पर भी पड़ा। नवीन राजनीतिक परिस्थितियों ने खड़ी बोली को प्रोत्साहन प्रदान किया। जब ब्रजभाषा और अवधी का साहित्यिक रूप जनभाषा से दूर हो गया तब उनका स्थान खड़ी बोली धीरे–धीरे लेने लगी। अंग्रेज़ी सरकार ने भी इसका प्रयोग आरम्भ कर दिया।
हिंदी के आधुनिक काल में प्रारम्भ में एक ओर उर्दू का प्रचार होने और दूसरी ओर काव्य की भाषा ब्रजभाषा होने के कारण खड़ी बोली को अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करना पड़ा। 19वीं सदी तक कविता की भाषा ब्रजभाषा और गद्य की भाषा खड़ी बोली रही। 20वीं सदी के आते–आते खड़ी बोली गद्य–पद्य दोनों की ही साहित्यिक भाषा बन गई।
इस युग में खड़ी बोली को प्रतिष्ठित करने में विभिन्न धार्मिक सामाजिक एवं राजनीतिक आंदोलनों ने बड़ी सहायता की। फलतः खड़ी बोली साहित्य की सर्वप्रमुख भाषा बन गयी।
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