हनुमान जी को श्री राम जी का पराम् भक्त माना जाता है। वह स्वामी भक्ति का सबसे बड़ा उदारहण हैं। श्री हनुमान सूक्त, हनुमान जी को समर्पित एक दिव्य स्तोत्र है। इस स्तोत्र के पाठ से व्यक्ति विभिन्न प्रकार के संकटों से बच जाता है। हनुमान सूक्त के माध्यम से आप अनेक प्रकार की प्रेत बाधाओं से भी सुरक्षित रह सकते हैं।
हनुमान सूक्त की रचना मूल रूप से संस्कृत में की गयी है, किन्तु अन्य भाषाओँ में भी इसका अनुवाद किया गया है। आप इस लेख के द्वारा हनुमान सूक्त को निशुल्क डाउनलोड कर सकते हैं तथा इसका नियमित पाठ करके जीवन में आने वाली अनेक प्रकार की बाधाओं से बच सकते हैं।
हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद हनुमान चालीसा आरती भी अवश्य करनी चाहिए। उत्तर भारत की तो अधिकांश उत्तर भरतीय क्षेत्रों में हनुमान जयंती का पर्व चैत्र पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। पंचमुखी हनुमान चालीसा का पाठ करते समय पूर्ण पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए तभी हमें बजरंगबली की विशेष कृपा मिलती है। जो भी व्यक्ति श्री हनुमान बाहुक का पाठ करता है उस पर श्री हनुमान जी की कृपा के साथ-साथ भगवान् श्री राम जी की कृपा भी बनी रहती है।भक्तजन हनुमान जी के 108 नाम पढ़ कर उन्हें आसानी से प्रसन्न कर सकते हैं तथा उनकी दया-दृष्टि पाकर अपने जीवन को उत्तम बन सकते हैं। श्री हनुमान वंदना का नियमित पाठ करने से घर में किसी भी प्रकार की भूत-प्रेत की बाधा का निवारण किया जा सकता है। हनुमान सूक्त एक प्रभावशाली स्तोत्र है जिससे गायन से हनुमान जी बहुत ही जल्दी कृपा करते हैं।
Hanuman Suktam Lyrics PDF
।। श्रीहनुमत्सूक्तम् ।।
श्रीमन्तो सर्वलक्षणसम्पन्नो जयप्रदः
सर्वाभरणभूषित उदारो महोन्नतोष्ट्रारूढः
केसरीप्रियनन्न्दनो वायुतनूजो यथेच्छं पम्पातीरविहारी
गन्धमादनसञ्चारी हेमप्राकाराञ्चितकनककदलीवनान्तरनिवासी
परमात्मा वनेचरशापविमोचनो
हेमकनकवर्णो नानारत्नखचिताममूल्यां मेखलां च स्वर्णोपवीतं
कौशेयवस्त्रं च बिभ्राणः सनातनो परमपुरषो
महाबलो अप्रमेयप्रतापशाली रजितवर्णः
शुद्धस्पटिकसङ्काशः पञ्चवदनः
पञ्चदशनेत्रस्सकलदिव्यास्त्रधारी
श्रीसुवर्चलारमणो महेन्द्राद्यष्टदिक्पालक-
त्रयस्त्रिंशद्गीर्वाणमुनिगणगन्धर्वयक्षकिन्नरपन्नगासुरपूजित
पादपद्मयुगलः नानावर्णः कामरूपः
कामचारी योगिध्येयः श्रीहनुमान्
आञ्जनेयः विराट्रूपी विश्वात्मा विश्वरूपः
पवननन्दनः पार्वतीपुत्रः
ईश्वरतनूजः सकलमनोरथान्नो ददातु।
इदं श्रीहनुमत्सूक्तं यो धीमानेकवारं पठेद्यदि सर्वेभ्यः पापेभ्यो विमुक्तो भूयात् ।
हनुमान सूक्त पाठ विधि
- सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ हो जाएँ।
- अब एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर हनुमान जी को स्थपित करें।
- तत्पश्चात हनुमान जी का ध्यान करें।
- धुप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
- अब श्री हनुमान सकता का पाठ करें।
- पाठ संपन्न होने पर हनुमान जी की आरती करें।
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