गृह प्रवेश पद्धति | Griha Pravesh Puja Vidhi

अपना घर लेना सभी का एक सपना होता है लेकिन उससे अधिक यह जरुरी है की घर में सब कुछ ठीक रहे तथा परिवार में हमेशा सुख – शांति बनी रहे। यदि आप भी अपने नए घर में प्रवेश करने वाले हैं तथा यह चाहते हैं कि सब कुछ सही रहे और आपके परिवारजनों पर कभी कोई भी अनचाही विपत्ति न आये तो आपको घर में जाने से पहले विधि – विधान से गृह प्रवेश पूजा करनी चाहिए।
देश दुइनया में लोग अपने अपने तरीकों से ग्रह प्रवेश की रस्म को पूरा करते हैं। हमने यहां पर सबसे अधिक प्रचलित गृह प्रवेश विधि दी है तथा साथ ही हमने कुछ ऐसी बातें भी बतायीं हैं जिनका ध्यान आपको नए घर में जाने से पहले रखना चाहिए। यदि आप इन बातों का ध्यान रखते हियँ तो आपके घर में हेमशा सुख शांति का वास रहेगा।
 

गृह प्रवेश पूजन विधि | Griha Pravesh Puja Vidhi

 
अपने ही नहीं, किराए के घर में भी गृहप्रवेश हमेशा दिन, तिथि, वार और नक्षत्र को देख कर करना चाहिए। यदि कोई दिन आपका मान है तो उस दिन गृह प्रवेश बिलकुल न करें। गृहप्रवेश ब्राह्मण के मंत्रोच्चारण के साथ करें।
गृहप्रवेश के लिए माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ का महीना उत्तम होता है, जबकि आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, पौष शुभ नहीं माने जाते।
रविवार और शनिवार के दिन दिन भी गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए।
गृह प्रवेश की पूजा सामग्री में कलश, नारियल, दीपक, फूल शुद्ध जल, कुमकुम, चावल, अबीर, गुलाल, धूपबत्ती, पांच शुभ मांगलिक वस्तुएं, आम या अशोक के पत्ते, पीली हल्दी, गुड़, चावल, दूध आदि जरूर होना चाहिए।
मंगल कलश के साथ पति-पत्नी को साथ में गृह प्रवेश करना चाहिए।
गृह प्रवेश वाले दिन घर को बंदनवार, रंगोली, फूलों से जरूर सजाएं।
मंगल कलश में जल में गंगाजल मिलाएं और आम या अशोक के आठ पत्तों के बीच नारियल रखें। कलश पर नारियल पर कुमकुम से स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं।
नए घर में प्रवेश के समय पति-पत्नी को पांच चीजें अपने हाथ में लेकर प्रवेश करना चाहिए। इसमें नारियल, पीली हल्दी, गुड़, चावल, दूध या दही होना चाहिए।
जिस दिन आपका गृहप्रवेश हो उसी दिनभगवान गणेश की मूर्ति, दक्षिणावर्ती शंख, श्री यंत्र को घर में ले जाना चाहिए।
पुरुष पहले दाहिना पैर और महिला को अपना बायां पैर घर में सर्वप्रथम रखना चाहिए। इसके बाद भगवान गणेश के मंत्रों के साथ घर के ईशान कोण में या फिर पूजा घर में कलश की स्थापना करें।
गृह प्रवेश पूजा के साथ ही रसोई घर में भी पूजा भी करनी चाहिए। चूल्हे, पानी रखने के स्थान और स्टोर आदि में धूप, दीपक के साथ कुमकुम, हल्दी, चावल आदि से पूजन कर स्वास्तिक चिन्ह बनाना चाहिए।  रसोई में पहले दिन कुछ मीठा बनाना चाहिए। घर में बने भोजन से सबसे पहले भगवान को भोग लगाएं। इसके बाद गाय, कौआ, कुत्ता, चींटी आदि के निमित्त भोजन निकालना चाहिए।
ब्राह्मण को भोजन कराने के साथ गरीबों को दान करना चाहिए।
घर में प्रवेश के नियम हमेशा याद रखें। गृह प्रवेश की ये विधि आपके घर में सुख और सौभाग्य ले कर आएगी।
 
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