नमस्कार मित्रों, यहाँ हम आपके लिए गणेश गायत्री मंत्र PDF / Ganesh Gayatri Mantra in Sanskrit PDF प्रस्तुत कर रहे हैं। श्री गणेश जी को मंगलदायक विघ्नविनाशक कहा जाता है। गायत्री मन्त्र में अत्यधिक शक्ति व ऊर्जा समाहित होती है। अतः श्री गणेश गायत्री मन्त्र का नियमित जप करने से मनुष्य का जीवन मंगलमय हो जाता है तथा उसके जीवन से समस्त प्रकार की विघ्न – बाधाएं दूर हो जाती हैं। इन वैदिक मन्त्रों की दिव्य ऊर्जा से न केवल आप शारीरक व मानसिक ऊर्जा का अनुभव करते हैं बल्कि विभिन्न प्रकार की पीड़ाओं से भी मुक्त हो जाते हैं।
अतः इन दिव्य गणेश गायत्री मन्त्रों का जप प्रत्येक व्यक्ति को नियमित रूप से करना चाहिए। आप इन मन्त्रों का प्रयोग कर स्वयं ही इनकी शक्तियों का अनुभव कर सकते हैं। जिन विद्यार्थियों को अध्ययन सम्बन्धी कार्यों में समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उन्हें भी इन दिव्य मन्त्रों का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। यदि आप भी अभी इस दिव्य गणेश गायत्री मन्त्र pdf को प्राप्त करना चाहते हैं, तो अभी नीचे दिए हुए डाउनलोड लिंक पर क्लिक करें।
गणेश गायत्री मंत्र लिरिक्स / Ganesh Gayatri Mantra Lyrics PDF
लम्बोदराय विद्महे महोदराय धीमहि ।
तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ॥ (अग्निपुराण ७१ अध्याय)
महोत्कटाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि ।
तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ॥ (अग्निपुराण, १७९ अध्याय)
एकदन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि ।
तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ॥ (गणपत्यथर्वशीर्ष)
तत्कराटाय विद्महे हस्तिमुखाय धीमहि ।
तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ॥ (मैत्रायणीय-संहिता)
तत्पुरूषाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि ।
तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ॥ (तैत्तिरीयारण्यक-नारायणोपनिषद्)
गणेश गायत्री मंत्र के लाभ
- गणेश गायत्री मन्त्र के जाप से व्यक्ति को बुद्धि – विद्या की प्राप्ति होती है।
- इन मन्त्रों के प्रभाव से घर में मंगलकार्य होते हैं, तथा अमंगल का नाश होता है।
- विद्यार्थियों को श्री गणेश गायत्री मन्त्र का जप करने से अध्ययन में लाभ होता है।
- श्री गणेश गायत्री मन्त्र के जप के फलस्वरूप मनुष्य पर आने वाली विपत्तियाँ टल जाती हैं।
- गणपति भगवान् की कृपा से घर में धन – धान्य की पूर्ति होती है।
- यदि आप भी गणेश जी की कृपा प्राप्त कर सुखी जीवन व्यतीत करना चाहते हैं तो श्री गणेश गायत्री मन्त्र का पाठ अवश्य करना चाहिए।
गणेश गायत्री मंत्र पाठ विधि
- सर्वप्रथम स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें, सम्भव हो तो पीले वस्त्र धारण करें।
- तत्पश्चात एक लकड़ी की चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर श्री गणेश भगवान का चित्रपट अथवा मूर्ति स्थापित करें।
- अब श्री गणेश जी का आवाहन करके उन्हें दीप, धुप, पुष्प, फल, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
- गणेश जी को दूर्वा अत्यधिक प्रिय है, अतः उन्हें दूर्वा अर्पित करें।
- अब श्री गणेश गायत्री मन्त्र का यथाशक्ति जप करें।
- जप संपन्न होने पर श्री गणेश चालीसा का पाठ करें।
- तदोपरान्त श्री गणेश आरती का करें।
- अन्त में श्री गणेश जी का आशीर्वाद ग्रहण कर स्वयं व परिवार हेतु मंगलकामना करें।
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