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Desh Bhakti Geet Lyrics in Hindi PDF
नन्हा मुन्ना राही हूं
नन्हा मुन्ना राही हूं, देश का सिपाही हूं,
बोलो मेरे संग, जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द।
जय हिन्द, जय हिन्द।
नन्हा मुन्ना राही हूं, देश का सिपाही हूं,
बोलो मेरे संग, जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द।
जय हिन्द, जय हिन्द।
रस्ते पे चलूंगा न डर-डर के,
चाहे मुझे जीना पड़े मर-मर के,
मंजिल से पहले न लूंगा कहीं दम,
आगे ही आगे बढ़ाऊंगा कदम,
दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम।
नन्हा मुन्ना राही हूं…
धूप में पसीना मैं बहाऊंगा जहां,
हरे-भरे खेत लहराएगें वहां,
धरती पे फाके न पाएगें जन्म,
आगे ही आगे बढ़ाऊंगा कदम,
दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम।
नन्हा मुन्ना राही हूं…
नया है जमाना मेरी नई है डगर,
देश को बनाऊंगा मशीनों का नगर,
भारत किसी से रहेगा नही कम,
आगे ही आगे बढ़ाऊंगा कदम,
दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम।
नन्हा मुन्ना राही हूं…
बड़ा हो के देश का सहारा बनूंगा,
दुनिया की आंखों का तारा बनूंगा,
रखूंगा ऊंचा तिरंगा परचम,
आगे ही आगे बढ़ाऊंगा कदम,
दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम।
नन्हा मुन्ना राही हूं…
शांति की नगरी है मेरा ये वतन,
सबको सिखाऊंगा मैं प्यार का चलन,
दुनिया में गिरने न दूंगा कहीं बम,
आगे ही आगे बढ़ाऊंगा कदम,
दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम।
नन्हा मुन्ना राही हूं…
छोड़ो कल की बातें
छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी,
नये दौर में लिखेंगे मिलकर नई कहानी,
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी …
छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी,
नये दौर में लिखेंगे मिलकर नई कहानी,
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी …
आज पुरानी जंजीरों को तोड़ चुके हैं,
क्या देखें उस मंजिल को जो छोड़ चुके हैं,
चांद के दर पे जा पहुंचा है आज जमाना,
नए जगत से हम भी नाता जोड़ चुके हैं,
नया खून है, नई उमंगें, अब है नई जवानी,
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी …
छोड़ो कल की बातें …..
हमको कितने ताजमहल हैं और बनाने,
कितने ही अजंता हम को और सजाने,
अभी पलटना है रुख कितने दरियाओं का,
कितने पर्वत राहों से हैं आज हटाने,
नया खून है, नई उमंगें, अब है नई जवानी,
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी …
छोड़ो कल की बातें….
आओ मेहनत को अपना ईमान बनाएं,
अपने हाथों को अपना भगवान बनाएं,
राम की इस धरती को गौतम की भूमि को,
सपनों से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएं,
नया खून है, नई उमंगें, अब है नई जवानी,
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी …
छोड़ो कल की बातें….
हर जर्रा है मोती आंख उठाकर देखो,
माटी में सोना है हाथ बढ़ाकर देखो,
सोने की ये गंगा है चांदी की यमुना,
चाहो तो पत्थर से धान उगाकर देखो,
नया खून है, नई उमंगें, अब है नई जवानी,
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी…
छोड़ो कल की बातें….
छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी,
नये दौर में लिखेंगे मिलकर नई कहानी,
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी … 2
सर झुका सकते नहीं
अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं,
अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं,
सर कटा सकते हैं, लेकिन सर झुका सकते नहीं।
सर झुका सकते नहीं।
हमने सदियों में ये आजादी की नेमत पाई है,
हमने ये नेमत पाई है,
सैंकड़ों कुर्बानियां देकर ये दौलत पाई है,
हमने ये दौलत पाई है
मुस्कुरा कर खाई हैं सीनों पे अपने गोलियां,
सीनों पे अपने गोलियां,
कितने वीरानों से गुजरे हैं, तो जन्नत पाई है,
खाक में हम अपनी इज्जत को मिला सकते नहीं,
अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं…
क्या चलेगी जुल्म की अहले-वफा के सामने,
अहले-वफा के सामने,
आ नहीं सकता कोई शोला हवा के सामने,
शोला हवा के सामने,
लाख फौजें ले के आए अमन का दुश्मन कोई,
लाख फौजें ले के आए अमन का दुश्मन कोई,
रुक नहीं सकता हमारी एकता के सामने,
हम वो पत्थर हैं, जिसे दुश्मन हिला सकते नहीं,
अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं…
सर कटा सकते हैं, लेकिन सर झुका सकते नहीं।
सर झुका सकते नहीं।
वक्त की आवाज के हम साथ चलते जाएंगे,
हम साथ चलते जाएंगे,
हर कदम पर जिन्दगी का रुख बदलते जाएंगे,
हम रुख बदलते जाएंगे,
गर वतन में भी मिलेगा कोई गद्दारे वतन,
जो कोई गद्दारे वतन,
अपनी ताकत से हम उसका सर कुचलते जाएंगे,
एक धोखा खा चुके हैं और खा सकते नहीं,
अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं…
वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम,
हम वतन के नौजवां हैं हम से जो टकराएगा,
हम से जो टकराएगा,
वो हमारी ठोकरों से खाक में मिल जाएगा,
खाक में मिल जाएगा,
वक्त के तूफान में बह जाएंगे जुल्मो-सितम,
आसमां पर ये तिरंगा उम्र भर लहराएगा,
उम्र भर लहराएगा,
जो सबक बापू ने सिखलाया भुला सकते नहीं,
सर कटा सकते है लेकिन सर झुका सकते नहीं…
सर कटा सकते है लेकिन सर झुका सकते नहीं…
आई लव माय इंडिया
लंदन देखा, पेरिस देखा,
लंदन देखा, पेरिस देखा और देखा जापान,
माइकल देखा, एल्विस देखा, सब देखा मेरी जान,
सारे जग में कहीं नहीं है दूसरा हिंदुस्तान,
दूसरा हिंदुस्तान, दूसरा हिंदुस्तान
ये दुनिया एक दुल्हन,
ये दुनिया एक दुल्हन, दुल्हन के माथे की बिंदिया,
ये मेरा इंडिया, ये मेरा इंडिया,
आई लव माय इंडिया, आई लव माय इंडिया……
ये दुनिया एक दुल्हन,
ये दुनिया एक दुल्हन, दुल्हन के माथे की बिंदिया,
ये मेरा इंडिया, ये मेरा इंडिया,
आई लव माय इंडिया, आई लव माय इंडिया……
जब छेड़ा मल्हार किसी ने, झूम के सावन आया,
आग लगा दी पानी में जब, दीपक राग सुनाया,
सात सुरों का संगम ये जीवन गीतों की माला,
हम अपने भगवान को भी कहते हैं बांसुरी वाला,
बांसुरी वाला, बांसुरी वाला
यह मेरा इंडिया, आई लव माय इंडिया……
यह मेरा इंडिया, आई लव माय इंडिया……
पीहू पीहू बोले पपीहा, कोयल कुहू कुहू गाए,
हंसते रोते हमने जीवन के सब गीत बनाए,
यह सारी दुनिया अपने अपने गीतों को गाए,
गीत वो गाओ जिससे इस मिट्टी की खुशबू आए,
मिट्टी की खुशबू आए, आई लव इंडिया, आई लव माय इंडिया……
आई लव इंडिया, आई लव माय इंडिया……
वतन मेरा इंडिया, सजन मेरा इंडिया
ये दुनिया ये दुनिया, इक दुल्हन, इक दुल्हन
ये दुनिया, इक दुल्हन, दुल्हन के माथे की बिंदिया,
ये मेरा इंडिया, यह मेरा इंडिया,
आई लव माय इंडिया, आई लव माय इंडिया……
वतन मेरा इंडिया, सजन मेरा इंडिया
करम मेरा इंडिया, धरम मेरा इंडिया…
हो माय इंडिया, हो माय इंडिया, हो माय इंडिया, हो माय इंडिया,
जान माय इंडिया,
जिस देश में गंगा बहती है
होठों पे सच्चाई रहती है, जहां दिल में सफाई रहती है,
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं,
जिस देश में गंगा बहती है।
होठों पे सच्चाई रहती है, जहां दिल में सफाई रहती है,
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं,
जिस देश में गंगा बहती है।
मेहमां जो हमारा होता है, वो जान से प्यारा होता है,
मेहमां जो हमारा होता है, वो जान से प्यारा होता है,
ज्यादा की नहीं लालच हमको, थोड़े में गुजारा होता है,
थोड़े में गुजारा होता है,
बच्चों के लिए जो धरती मां, सदियों से सभी कुछ सहती है,
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं,
जिस देश में गंगा बहती है।
कुछ लोग जो ज्यादा जानते हैं, इंसान को कम पहचानते हैं,
कुछ लोग जो ज्यादा जानते हैं, इंसान को कम पहचानते हैं,
ये पूरब है पूरब वाले, हर जान की कीमत जानते हैं,
हर जान की कीमत जानते हैं,
मिल जुल के रहो और प्यार करो, एक चीज यही जो रहती है,
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं,
जिस देश में गंगा बहती है
होठों पे सच्चाई रहती है, जहां दिल में सफाई रहती है,
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं,
जिस देश में गंगा बहती है।
हम कल क्या थे हम आज हैं क्या इसका ही नहीं अभिमान हमें,
हम कल क्या थे हम आज हैं क्या इसका ही नहीं अभिमान हमें,
जिस राह पे आगे बढ़ना है, है उसकी भी पहचान हमें,
है उसकी भी पहचान हमें,
इस धारा को किसने रोका, ये बंधके भला कब रहती है,
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं,
जिस देश में गंगा बहती है
जो जिससे मिला सीखा हमने, गैरों को भी अपनाया हमने,
जो जिससे मिला सीखा हमने, गैरों को भी अपनाया हमने,
मतलब के लिए अंधे होकर, रोटी को नहीं पूजा हमने,
रोटी को नहीं पूजा हमने,
अब हम तो क्या सारी दुनिया, सारी दुनिया से कहती है,
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है।
होठों पे सच्चाई रहती है, जहां दिल में सफाई रहती है,
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं,
जिस देश में गंगा बहती है।
जहां डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा
जहां डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा,
वो भारत देश है मेरा।
गुरुब्रह्मा गुरुविष्णु
गुरुदेव महेश्वरा
गुरु साक्षात परब्रह्म
तत्समये श्री गुरुवे नम:
जहां डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा,
वो भारत देश है मेरा। वो भारत देश है मेरा।
जहां डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा,
वो भारत देश है मेरा। वो भारत देश है मेरा।
जहां सत्य अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा,
वो भारत देश है मेरा। वो भारत देश है मेरा।
जय भारती, जय भारती, जय भारती, जय भारती
ये धरती वो जहां ॠषि मुनि जपते प्रभु नाम की माला,
हरि ओम, हरि ओम, हरि ओम, हरि ओम,
जहां हर बालक एक मोहन है और राधा हर एक बाला,
और राधा हर एक बाला,
जहां सूरज सबसे पहले आकर डाले अपना फेरा,
वो भारत देश है मेरा। वो भारत देश है मेरा।
जहां गंगा, जमुना, कृष्ण और कावेरी बहती जाए,
जहां उत्तर, दक्षण, पूरब, पश्चिम को अमृत पिलवाए,
ये अमृत पिलवाए,
कहीं ये तो फल और फूल उगाए केशर कहीं बिखेरा
वो भारत देश है मेरा। वो भारत देश है मेरा।
अलबेलों की इस धरती के त्योहार भी हैं अलबेले,
कहीं दीवाली की जगमग है, होली के कहीं मेले,
कहीं दीवाली की जगमग है, होली के कहीं मेले,
होली के कहीं मेले,
जहां राग रंग और हंसी खुशी का चारों ओर है घेरा,
वो भारत देश है मेरा। वो भारत देश है मेरा।
जहां डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा,
वो भारत देश है मेरा। वो भारत देश है मेरा।
जहां आसमां से बातें करते मंदिर और शिवाले,
जहां किसी नगर में किसी द्वार पर कोई न ताला डाले
कोई न ताला डाले
और प्रेम की बंसी जहां बजाता आए शाम सवेरा,
वो भारत देश है मेरा। वो भारत देश है मेरा।
जहां सत्य अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा,
वो भारत देश है मेरा। वो भारत देश है मेरा।
जय भारती, जय भारती, जय भारती, जय भारती
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