दीपावली पर निबंध हिंदी में | Essay on Deewali

नमस्कार दोस्तों, इस लेख के माध्यम से हम आपको दीपावली पर निबंध हिंदी में PDF / Essay on Deewali PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। दिवाली भारत के सबसे बड़े त्यौहार में से एक है। हर साल भारत में दिवाली जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है बड़ी ही हर्षोउल्लास के साथ मनाते है। दीपावली भारत देश के सभी नागरिकों का खुशियों का त्यौहार है ,दीपावली के शुभ अवसर पर प्रत्येक घर में भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। भारत देश के निवासी दिवाली के त्यौहार को किसी अन्य देश में रहने पर भी बड़े धूमधाम से मनाते है। यहाँ से आप दीपावली पर निबंध PDF / Deepawali Par Nibandh PDF in Hindi बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं वो भी बिना किसी परेशानी के।
इस दिन परिवार में सब लोग लक्ष्मी, देवी सरस्वती एवं देव गणेश की पूजा करते है। इस त्यौहार पर सब लोग अपने घर को सजाते है एवं पटाखे फोड़ते है। ये निबंध खासकर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए दिए गए है।

दीपावली पर निबंध हिंदी में PDF | Essay on Deewali PDF in Hindi

प्रस्तावना
भारत एक ऐसा देश है जहाँ सबसे ज्यादा त्योहार मनाये जाते है, यहाँ विभिन्न धर्मों के लोग अपने-अपने उत्सव और पर्व को अपने परंपरा और संस्कृति के अनुसार मनाते है। दीवाली हिन्दू धर्म के लिये सबसे महत्वपूर्ण, पारंपरिक, और सांस्कृतिक त्योहार है जिसको सभी अपने परिवार, मित्र और पड़ोसियों के साथ पूरे उत्साह से मनाते है। दीपावली को रोशनी का त्योहार भी कहा जाता है। दीपावली, भारत में हिन्दुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्योहार है।
दीपावली कब और क्यों आता है?
ये बेहद खुशी का पर्व है जो हर साल अक्तूबर या नवंबर के महीने में आता है। हर साल आने वाली दीवाली के पीछे भी कई कहानीयाँ है जिसके बारे में हमें अपने बच्चों को जरूर बताना चाहिये। दीवाली मनाने का एक बड़ा कारण भगवान राम का अपने राज्य अयोध्या लौटना भी है, जब उन्होंने लंका के असुर राजा रावण को हराया था। इसके इतिहास को हर साल बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रुप में याद किया जाता है। अपनी पत्नी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल का वनवास काट कर लौटे अयोध्या के महान राजा राम का अयोध्या वासियों ने जोरदार स्वागत किया था। अयोध्या वासियों ने अपने राजा के प्रति अपार स्नेह और लगाव को दिल से किये स्वागत के द्वारा प्रकट किया। उन्होंने अपने घर और पूरे राज्य को रोशनी से जगमगा दिया साथ ही राजा राम के स्वागत के लिये आतिशबाजी भी बजाए।
दीपावली का अर्थ
रोशनी का उत्सव ‘दीपावली’ असल में दो शब्दों से मिलकर बना है- दीप+आवली। जिसका वास्तविक अर्थ है, दीपों की पंक्ति। वैसे तो दीपावली मनाने के पीछे कई सारी पौराणिक कथाएं कही जाती है लेकिन जो मुख्य रुप से प्रचलित मान्यता है वो है असुर राजा रावण पर विजय और भगवान राम का चौदह साल का वनवास काटकर अपने राज्य अयोध्या लौटना। इस दिन को हम बुराई पर अच्छाई की जीत के लिये भी जानते है। चार दिनों के इस पर्व का हर दिन किसी खास परंपरा और मान्यता से जुड़ा हुआ है जिसमें पहला दिन धनतेरस का होता है इसमें हमलोग सोने-चाँदी के आभूषण या बर्तन खरीदते है, दूसरे दिन छोटी दीपावली होती है जिसमें हमलोग शरीर के सारे रोग और बुराई मिटाने के लिये सरसों का उबटन लगाते है, तीसरे दिन मुख्य दीपावली होती है इस दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है जिससे घर में सुख और संपत्ति का प्रवेश हो, चौथे दिन हिन्दू कैलंडर के अनुसार नए साल का शुभारम्भ होता है और अंत में पाँचवां दिन भाई-बहन का होता है अर्थात् इस दिन को भैया दूज कहते है।
बच्चों की दीवाली
बच्चे इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते है और पर्व आने और बहुत खुश और उत्तेजित हो जाते है अपने भगवान को प्रसन्न करने के लिये लोगों ने लजीज पकवान बनाये, हर कोई एक दूसरे को बधाई दे रहा था, बच्चे भी खूब खुश थे और इधर-उधर घूमकर अपनी प्रसन्नता जाहिर कर रहे थे। हिन्दू कैलंडर के अनुसार सूरज डूबने के बाद लोग इसी दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते है। जहाँ एक ओर लोग ईश्वर की पूजा कर सुख, समृद्धि और अच्छे भविष्य की कामना करते है वहीं दूसरी ओर पाँच दिनों के इस पर्व पर सभी अपने घर में स्वादिष्ट भोजन और मिठाइयां भी बनाते है। इस दिन लोग पशा, पत्ता आदि कई प्रकार के खेल भी खेलना पसंद करते है। इसको मनाने वाले अच्छे क्रियाकलापों में भाग लेते है और बुराई पर अच्छाई की जीत के लिये गलत आदतों का त्याग करते हैं। इनका मानना है कि ऐसा करने से उनके जीवन में ढेर सारी खुशियाँ, समृद्धि, संपत्ति और प्रगति आयेगी। इस अवसर पर सभी अपने मित्र, परिवार और रिश्तेदारों को बधाई संदेश और उपहार देते है।
आर्थिक महत्व
दीवाली का त्यौहार भारत में खरीद के अवधि का पर्व है। यह पर्व नए कपड़े घर के सामान, उपहार, सोने, आभूषण और अन्य बड़ी खरीदारियों का समय है। इस पर्व पर खरीदारी और खर्च को काफी शुभ माना जाता है। क्योंकि लक्ष्मी को, धन, समृद्धि, और निवेश की देवी माना जाता है। दीवाली भारत में सोने और आभूषणों की खरीद का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। आतिशबाजी की खरीद भी इस दौरान अपने चरम सीमा पर रहती है। प्रत्येक वर्ष दीवाली के दौरान पांच हज़ार करोड़ रुपए के पटाखों अदि की खपत होती है।
निष्कर्ष
दीपावली पर्व है अपने अंदर के अंधकार को मिटा के समूचे वातावरण को प्रकाशमय बनाना। दीपावली हिंदूओं का प्रमुख पर्व है। यह पर्व समूचे भारत में उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली के दिन घरों में दिए, दुकानों तथा प्रतिष्ठानों पर बहुत सारे सजावट और दिए जलाये जाते है। बाजारों में खूब चहल-पहल होती है। मिठाई तथा पटाखों की दुकानें खूब सजी होती हैं। इस दिन पकवानों तथा मिठाइयों की खूब बिक्री होती है। बच्चे अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ियां तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं और बड़े बच्चों द्वारा किये गए आतिशबाजी का आनंद उठाते है।

दीपावली पर निबंध PDF | Deepawali Par Nibandh PDF in Hindi

  • दिवाली का त्यौहार हिंदूओ के प्रमुख त्यौहारों में से एक है।
  • दिपावली को दीप का त्यौहार भी कहा जाता है।
  • दिवाली इसलिए मनायी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।
  • भगवान श्री राम के वापिस अयोध्या लौटने की खुशी में वहां के लोगों ने इस दिन को दीवाली के रूप में मनाया।
  • दिवाली का त्यौहार हर साल अक्टूबर या नवम्बर माह में आता है।
  • इस दिन पूरे भारत को दुल्हन की तरह सजाया जाता है।
  • दीवाली की शाम भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • इन दिन सभी लोग अपने घरों, दुकानों, दफ्तरों आदि में दीप जलाते हैं।
  • दीवाली के दिन सभी लोग अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं।
  • इन दिन बहुत से लोग पटाखे, फुलझड़ी, बम आदि भी जलाते हैं।

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