नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप चंद्र मंगल स्तोत्र / Chandra Mangal Stotra PDF प्राप्त कर सकते हैं। चन्द्र मङ्गल स्तोत्रम् भगवान् चंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। चंद्रदेव जी को मन तथा मानसिक स्थिति का देवता माना जाता है। वह अपने भक्तों के जीवन में आने वाली सारी मानसिक परेशानियों को दूर करते हैं।
अतः चंद्रदेव का पूजन करने से जो व्यक्ति मानसिक रोगों से बहुत लम्बे समय से ग्रसित होता है, उसे राहत मिलती है तथा शीघ्र ही रोग से छुटकारा प्राप्त होता है। यदि आप भी किन्ही करने से मानसिक चिंताओं से घिरे रहते हैं, तो इस दिव्य चंद्र मंगल स्तोत्र का पाठ अवश्य करें। यदि आप प्रतिदिन इसका पाठ करने में असमर्थ हैं, तो सोमवार के दी इसका पाठ अवश्य करें।
चंद्र मंगल स्तोत्रम | Chandra Mangal Stotram PDF
चन्द्रः कर्कटकप्रभुः सितनिभश्चात्रेयगोत्रोद्भवम् ।
आग्नेयश्चतुरस्रवा षण्मुखश्चापोऽप्युमाधीश्वरः ।
षट्सप्तानि दशैक शोभनफलः शौरिप्रियोऽर्को गुरुः ।
स्वामी यामुनदेशजो हिमकरः कुर्यात्सदा मङ्गलम् ॥
प्रार्थना
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम् ।
पूजाविधिं न हि जानामि क्षमस्व परमेश्वर ॥
मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वर ।
यत्पूजितं मया देव परिपूर्णं तदस्तु मे ॥
रोहणीश सुधामूर्ते सुधारूप सुधाशन ।
सोम सौम्यो भवास्माकं सर्वारिष्टं निवारय ॥
ॐ अनया पूजया चन्द्रदेवःप्रीयताम् ॥
॥ ॐ चन्द्राय नमः ॐ शशाङ्काय नमः ॐ सोमाय नमः ॥
॥ ॐ शान्तिः ॐ शान्तिः ॐ शान्तिः ॐ ॥
इति श्रीचन्द्रमङ्गलस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।
चंद्रदेव आरती | Chandra Dev Aarti PDF
ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा।
दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी।
रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी।
दीन दयाल दयानिधि, भव बंधन हारी।
जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे।
सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि।
योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धरें।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, संत करें सेवा।
वेद पुराण बखानत, भय पातक हारी।
प्रेमभाव से पूजें, सब जग के नारी।
शरणागत प्रतिपालक, भक्तन हितकारी।
धन सम्पत्ति और वैभव, सहजे सो पावे।
विश्व चराचर पालक, ईश्वर अविनाशी।
सब जग के नर नारी, पूजा पाठ करें।
ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा।
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