नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप आमलकी एकादशी व्रत पूजा विधि PDF / Amalaki Ekadashi Vrat Puja Vidhi PDF प्राप्त कर सकते हैं। आमलकी एकादशी का हिन्दू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है। इस अवसर पर आँवले के वृक्ष का पूजन किया जाता है तथा साथ साथ ही भगवान् विष्णु की भी पूजा – अर्चना की जाती है।
यदि आप अपने जीवन में आये दिन नयी – नयी समस्याओं से घिर जाते हैं तथा उनसे बाहर निकलने का आपको कोई भी उचित मार्ग नहीं मिलता है तो आपको आमलकी एकादशी के दिन पूर्ण विधि – विधान से भगवान् श्री हरी विष्णु जी का पूजन करना चाहिए। भगवान् विष्णु अपने भक्तों पर शीघ्र ही प्रसन्न होकर कृपा करते हैं।
आमलकी एकादशी व्रत कथा विधि PDF | Amalaki Ekadashi Vrat Vidhi PDF in Hindi
- सबसे पहले स्नान करके भगवान विष्णु की प्रतिमा के समक्ष हाथ में तिल, कुश, मुद्रा और जल लेकर आमलकी एकादशी व्रत का संकल्प करें कि मैं भगवान विष्णु की प्रसन्नता एवं मोक्ष की कामना से आमलकी एकादशी का व्रत रखता / रखती हूं। मेरा यह व्रत सफलता पूर्वक पूरा हो इसके लिए श्री हरि मुझे अपनी शरण में रखें।
- संकल्प के पश्चात षोड्षोपचार सहित भगवान की पूजा करें।
- भगवान की पूजा के पश्चात पूजन सामग्री लेकर आंवले के वृक्ष की पूजा करें।
- सबसे पहले वृक्ष के चारों की भूमि को साफ करें और उसे गाय के गोबर से पवित्र करें।
- पेड़ की जड़ में एक वेदी बनाकर उस पर कलश स्थापित करें।
- इस कलश में देवताओं, तीर्थों एवं सागर को आमत्रित करें।
- कलश में सुगन्धी और पंच रत्न रखें।
- इसके ऊपर पंच पल्लव रखें फिर दीप जलाकर रखें।
- कलश के कण्ठ में श्रीखंड चंदन का लेप करें और वस्त्र पहनाएं।
- अंत में कलश के ऊपर श्री विष्णु के छठे अवतार परशुराम की स्वर्ण मूर्ति स्थापित करें और विधिवत रूप से परशुराम जी की पूजा करें।
- रात्रि में भगवत कथा व भजन कीर्तन करते हुए प्रभु का स्मरण करें।
- द्वादशी के दिन प्रात: ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें साथ ही परशुराम की मूर्ति सहित कलश ब्राह्मण को भेंट करें।
- इन क्रियाओं के पश्चात परायण करके अन्न जल ग्रहण करें।
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